भाजपा ने अपनी पहली लिस्ट में लोकसभा की जिन 195 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान किया है, उनमें नई दिल्ली सीट भी शामिल है। भाजपा ने यहां से बदलाव करते हुए सुषमा स्वराज के बेटी बांसुरी स्वराज को मैदान में उतारा है।
नई दिल्ली सीट भाजपा का गढ़ रही है। हालांकि बीच-बीच में कांग्रेस भी जीत दर्ज करती रही है। नई दिल्ली लोकसभा सीट पर सबसे रोचक मुकाबला 1991 में हुआ था।
नई दिल्ली लोकसभा चुनाव 1991: आडवाणी Vs राजेश खन्ना
1991 के चुनावों में भाजपा ने लालकृष्ण आडवाणी को नई दिल्ली सीट से टिकट दिया। आडवाणी का मुकाबला करने के लिए कांग्रेस ने तब के सुपरस्टार राजेश खन्ना को मैदान में उतार दिया।
दोनों दिग्गजों के बीच जबरदस्त मुकाबला हुआ। मतगणना के दिन भी भारी हंगामा हुआ। दो बार मतगणना करनी पड़ी और आखिरकार आडवाणी सिर्फ डेढ़ हजार वोट से जीत दर्ज कर पाए।
उन चुनावों में आडवाणी गुजरात की गांधीनगर सीट से भी चुनाव लड़े थे। वहां जीत मिलने के बाद उन्होंने नई दिल्ली सीट छोड़ दी। उपचुनाव में भाजपा में राजेश खन्ना के सामने शत्रुघ्न सिन्हा को उतारा, लेकिन बिहारी बाबू हार गए।
अटल बिहारी वाजपेई भी यहीं से लड़ने थे चुनाव
- आडवाणी के साथ ही अटल बिहारी वाजपेई भी नई दिल्ली सीट से चुनाव लड़ने थे। दोनों नेताओं ने दो-दो बार इस सीट का प्रतिनिधित्व किया।