यूपी में लगातार बढ़ रहे हत्या और आत्महत्या के मामले, सरकार के माथे पर चिंता की लकीर

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उत्तर प्रदेश में हत्या और आत्महत्या के मामलों में बड़ी वृद्धि हुई है। संदिग्ध परिस्थितियों में हो रही मौत ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। कोरोना संक्रमण के कारण प्रदेश के एक बड़े वर्ग को काफी परेशनियों का सामना करना पड़ रहा है। लगातार बढ़ रहे आत्महत्या के मामलों को इससे जोड़कर देखा जा रहा है। मनोविज्ञानियों का मानना है कि आत्महत्या के मामलों में सामूहिक मौत का कारण परिवार के मुखिया की अपने पीछे परिवार को होने वाली परेशानी की चिंता भी होती है। वहीं, हत्याओं के मामले में इस नृशंसता से जोड़ा जा रहा है। बरेली में एक ही परिवार के तीन लोगों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले ने फिर मुद्दे पर बहस को बढ़ा दिया है। जिले में सामूहिक मौत की घटना ने लोगों को झकझोड़ कर रख दिया है। एक बेड पर पति-पत्नी और बच्ची की संदिग्ध स्थिति में शव बरामद हुए हैं।
उत्तर प्रदेश में यह पहली घटना नहीं है, जब एक परिवार के इतने लोगों की मौत का मामला आया है। पिछले दिनों प्रयागराज के शिवराजपुर गांव में एक ही परिवार के पांच लोगों की धारदार हथियार से वार कर हत्या कर दी गई थी। परिवार में एक व्यक्ति और एक पांच साल की बच्ची ही बची है। घटनास्थल पर साक्ष्य को मिटाने के लिए बेडरूम में आग लगा दी गई थी। पुलिस मामले की जांच कर अपराधियों तक नहीं पहुंच सकी है। अप्रैल माह के शुरू में प्रयागराज में ही एक ही परिवार के पांच लोगों की मौत का मामला सामने आया था। नवाबगंज खागलपुर में महिला और तीन बेटियों की गला रेत कर हत्या की गई थी। वहीं, पति का शव फंदे पर लटकता मिला था। मौके से सुसाइड नोट भी बरामद हुआ था, जिसमें ससुरालवालों पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया गया था। 10 लोगों की करीब एक सप्ताह के भीतर ने संगम नगरी का दहला दिया है।
गोरखपुर में 25 अप्रैल को ट्रिपल मर्डर का मामला सामने आया है। जिसमें भाई की बेटी की शादी में जा रहे पति-पत्नी और बेटी को सरेराह धारदार हथियार से गला रेतकर हत्या कर दी गई। इस हत्याकांड के पीछे बेटी का प्रेमी बताया जा रहा है। पुलिस ने प्रेमी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
अमेठी में इसी साल मार्च में दो गुटों के बीच खूनी संघर्ष हुआ। इसमें एक ही परिवार के चार लोगों की हत्या हुई। घटना में छह लोग घायल हुए थे। घटना अमेठी कोतवाली थाना क्षेत्र के राजापुर गुंगवाच गांव की है। अधिकारी ने कहा कि इस घटना में जिन लोगों की पीट-पीट कर हत्या की गई, उनमें 65 वर्षीय संकट प्रसाद यादव, उनकी 64 वर्षीय पत्नी पार्वती यादव और उनके दो बेटे अमरेश (42) और हनुमान प्रसाद (45) शामिल हैं।
पिछले साल नवंबर में गोंडा में एक ही परिवार के तीन लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मामले में सामने आया था कि प्रेमी ने प्रेमिका के घर में घुसकर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी, जिसमें देवी प्रसाद, उनकी पत्नी पार्वती देवी और बेटी उपासना की मौत हो गई। सिम्पा इस घटना में गंभीर रूप से घायल हो गई थी।

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