जनपद पंचायत वारासिवनी अंतर्गत ग्राम पंचायत रमरमा के करीब आधा दर्जन से अधिक पंचों ने तहसील कार्यालय पहुंचकर एसडीएम के नाम का ज्ञापन सौंपकर पंचायत बैठक में पंचों के साथ दुर्व्यवहार किए जाने की शिकायत कर मामले में कार्यवाही करने करने की मांग की है। अन्यथा सभी पंच गण अपने पद से सामूहिक इस्तीफा देकर पंचायत हित में आंदोलन करने मजबूर होने की चेतावनी दी है। ज्ञापन में उल्लेखित है कि 12 अगस्त 2023 को पंचायत भवन में 15 अगस्त को लेकर आवश्यक बैठक आहूत की गई थी इस दौरान अन्य विषयों के साथ पंचायत द्वारा कराए जा रहे विभिन्न कार्यों के संबंध में चर्चा की गई। बैठक में पंचायत के समस्त पंच सरपंच सचिव उपस्थित रहे किंतु सरपंच पुत्र रोनू बिसेन अनावश्यक रूप से उपस्थित थे जिसका पंचों के द्वारा विरोध किया गया कि सरपंच पुत्र किसी पद में नहीं है फिर भी पंचायत में समस्त कार्य एवं मामले में हस्तक्षेप करता रहता है। विरोध के बावजूद भी वह बैठक में उपस्थित रहा जो पंचायत के कार्यों एवं मामलों में हस्तक्षेप कर मनमानी करता है जब पंचों के द्वारा यह बात उठाई गई कि पंचायत द्वारा बिना जानकारी एवं सहमति के कार्य किया जा रहा है और कार्यों का लेखा-जोखा हिसाब किताब मांगने पर सरपंच पुत्र स्वयं रोन बिसेन एवं उपसरपंच सचिव युवराज वरकड़े के द्वारा पंचों के साथ दुर्व्यवहार किया गया। वहीं पंचों के कलर पड़कर धक्का मार कर बैठक से बाहर कर दिया गया और जो बनता है वह करने की बात कही गई। जबकि हम सभी पंच व ग्रामीण जनों की मांग है कि पंचायत द्वारा कराए जा रहे हैं विभिन्न कार्यों का लेखा-जोखा हिसाब किताब बिल पंचों के समक्ष रखा जाये। सरपंच पुत्र रानू बिसेन का पंचायत की बैठक एवं कार्यों में हस्तक्षेप प्रतिबंधित किया जाये। पूर्व सचिव द्वारा प्रभार देते समय सरपंच को जो नकद राशि 50,000 रुपए दी गई थी वह आज तक पंचायत के खाते में जमा नहीं की गई है जो घोर अनियमितता की श्रेणी में आता है। जिसकी जांच किया जाना आवश्यक है एवं पंचायत निधि 15 वित्त की राशि मनमानी रूप से बंदरबांट किया जा रहा है जिसकी जांच की जाये। अन्यथा हम सभी पंचगण अपने पद से सामूहिक इस्तीफा देकर पंचायत हित में आंदोलन करने को मजबूर होगे जिसकी जवाबदारी पंचायत की होगी।
पंच अमिस उर्फ सोएब खान ने पदमेंश से चर्चा में बताया कि हमारी मासिक बैठक 12 अगस्त को रखी गई थी जिसमें सभी पंच ने सरपंच से हिसाब मांगा तो उन्होंने हिसाब ना देकर सरपंच पुत्र बोलता है कि तुम्हारा कोई हक नहीं है बोलने का जो बनता है कर लो हम हिसाब नहीं देंगे। जबकि पूर्व सचिव ने जो चार्ज के साथ 50000 रुपये सरपंच को नकद दिए थे उसे पंचायत के खाते में अभी तक जमा नहीं किया गया है। श्री खान ने बताया कि इस संबंध में सरपंच पुत्र ने कहा कि एक वर्ष बाद उसे हम जमा करेंगे और कॉलर पकड़कर बाहर कर दिया हम 14 पंच है अभी 9 पंच यहां पर एसडीएम कार्यालय आए हुए हैं हमें न्याय चाहिये। पंचायत की हमें कोई जानकारी नहीं रहती है कुछ भी कम हो सरपंच पुत्र करता है पंचायत में वह बैठा रहता है बैठक में भी बैठता है जबकि उसके बैठने का कोई अधिकार नहीं है इसी को लेकर हमारा विरोध है।
पंच मीना राउत ने बताया कि बैठक में हम लोग गए तो हिसाब किताब के बारे में चर्चा करने लगे। इस दौरान एकाएक आक्रोशित होकर खड़े होकर कॉलर पकड़कर विवाद करने लगे सरपंच पुत्र व उपसरपंच ने पंच का कॉलर पकड़कर धक्के मार कर बाहर निकाल दिया जहां जाना है वहां जाओ कहते हैं। जिसकी शिकायत लेकर हम एसडीएम कार्यालय आए हैं कि हमारे साथ न्याय हो और मामले में प्रशासन के द्वारा उचित कार्यवाही की जाये।
इनका कहना है
दूरभाष पर चर्चा में बताया कि पंचों के द्वारा जो भी शिकायत की गई है वह निराधार है बैठक में सभी विषय को लेकर चर्चा चल रही थी। इस दौरान पंचों के द्वारा हिसाब लेने के दौरान बहुत तेज हल्ला किया जा रहा था जिन्हें शांति बनाने के लिए बार-बार कहा गया परंतु उनके द्वारा बात का बतंगड़ बनाकर बैठक से चले गए उनके साथ किसी भी प्रकार का अभद्र व्यवहार नहीं किया गया है।