राजपूत क्षत्रीय समाज द्वारा निभाई गई वर्षो पुरानी परंपरा

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बालाघाट(पदमेश न्यूज़)
वर्षों से चली आ रही परंपरा का निर्वहन करते हुए प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी, विजयादशमी दशहरा पर्व पर राजपूत क्षत्रीय समाज द्वारा शस्त्र पूजन किया गया। नगर के भटेरा रोड़ स्थित विन्ध्वासिनी दुर्गा उत्सव समिति के तत्वावधान में आयोजित इस शस्त्र पूजन कार्यक्रम के दौरान समस्त पदाधिकारी, सदस्यों व सामाजिक बंधुओं ने बारी बारी से सभी शस्त्रों को एक जगह पर रख, मंत्रोच्चारण के साथ सामूहिक रूप से पूजा अर्चना की।वही शस्त्र पूजन की परम्परा व धार्मिक अनुष्ठान को देकर अपने विचार रखे।

वर्षो से चली आ रही परम्परा
आयोजित कार्यक्रम के दौरान बताया गया कि शस्त्र पूजन करने की परंपरा सदियों पुरानी है। शक्ति की प्रतिक मां दुर्गा पूजन के बाद सनातन परंपरा में शस्त्र पूजन का विशेष महत्व है, सदियो पुरानी शस्त्र पूजन की परंपरा के तहत पहले भारत की रियासतों में शस्त्र पूजन धूम-धाम से मनाया जाता था।हालांकि अब रियासतें तो नही रहीं लेकिन परंपरायें शाश्वत हैं।जिसमे आत्मरक्षार्थ रखे जाने वाले शस्त्रों की पूजा की जाती है और उनका पूजन होता है। ऐसी मान्यता है कि शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने के लिए शस्त्र पूजा करनी चाहिये। पुरातन काल में युद्ध पर जाने से पहले शस्त्र पूजन होता था। तभी से ये परंपरा शाश्वत रूप से आज भी जारी है, इसी परंपरा का निर्वहन करते हुए राजपूत क्षत्रीय समाज द्वारा विजयादशमी दशहरा पर्व शनिवार शाम को शस्त्र पूजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

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