नगर के विभिन्न क्षेत्रों से गुजरने वाले विलुप्त नहर की भूमि पर किए गए अतिक्रमण को तोड़ने के लिए न्यायालय के निर्देश के बाद 13 मार्च को राजस्व और पुलिस प्रशासन के द्वारा संयुक्त रूप से अतिक्रमण का निरीक्षण किया गया। विदित हो कि नहर के विभिन्न क्षेत्र से वार्ड नंबर 4 बस स्टैंड वार्ड नंबर 9 वार्ड नंबर 1 वार्ड नंबर 7 जैसे विभिन्न स्थानों से कई वर्षों पहले एक छोटी नहर सिंचाई परियोजना के तहत बनाई गई थी जो समय के साथ विलुप्त हो गयी। उस पर कुछ लोगों ने मकान दुकान या अपनी बाउंड्री खड़ी कर ली है उक्त प्रकरण में वर्ष 2016 मैं जबलपुर उच्च न्यायालय के द्वारा 3 माह में अतिक्रमण हटाने के लिए आदेश जारी किया गया था उस समय तत्कालीन अधिकारियों के द्वारा न्यायालय के निर्देश पर अतिक्रमण चिन्हित कर शासन को सूचना दी गई थी पर अतिक्रमण नहीं हटाया गया था। जिसके 7 साल बाद न्यायालय के द्वारा जिला कलेक्टर को उक्त प्रकरण में अतिक्रमण हटाने के लिए निर्देशित किया गया जिसके तहत वारासिवनी राजस्व विभाग के द्वारा किए गए अतिक्रमण का जायजा लेकर निरीक्षण किया गया। जिसके बाद तहसील कार्यालय से 9 मार्च को नहर की भूमि पर अतिक्रमण करने वाले करीब 73 लोगों को नोटिस जारी कर 13 मार्च तक स्वयं का अतिक्रमण हटाने के लिए निर्देशित किया गया था। जिसके तहत राजस्व विभाग से तहसीलदार राजेंद्र टेकाम ने अपने राजस्व निरीक्षक पटवारी सहित अन्य राजस्व अमले और पुलिस विभाग से थाना प्रभारी शंकर सिंह चौहान ने अपने पुलिस बल के साथ संयुक्त रूप से अतिक्रमण स्थल का 13 मार्च को निरीक्षण कर जायजा लिया। जिसमें उन्होंने देखा कि किसी भी अतिक्रमणकर्ता के द्वारा अपना अतिक्रमण स्वयं से नहीं हटाया गया है जिस पर राजस्व और पुलिस विभाग के द्वारा संयुक्त रूप से कार्यवाही कर अतिक्रमण हटाने की रूपरेखा तैयार की गई। इस अवसर पर राजस्व व पुलिस अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे।
पद्मेश से चर्चा में तहसीलदार राजेंद्र टेकाम ने बताया कि नहर की जमीन पर कुछ लोगों के द्वारा अतिक्रमण कर लिया गया था जिसका निरीक्षण किया जा रहा है। इस अतिक्रमण को हटाने के लिए अतिक्रमणकर्ताओं को 9 मार्च को नोटिस जारी कर दिए गए थे जिसकी अंतिम तिथि 13 मार्च थी। जिन्हें स्वयं का अतिक्रमण हटाना था परंतु वह लोग जिन्होंने अपना अतिक्रमण नहीं हटाया है उनका अतिक्रमण प्रशासन के द्वारा हटाया जाएगा। यह नहर करीब 2 किलोमीटर की है जिस पर लोगों के द्वारा अतिक्रमण किया गया है।










































