जम्मू-कश्मीर के राजौरी में हुए आतंकी हमले मामले में पूछताछ के लिए पुलिस ने 18 लोगों को हिरासत में लिया है। इसमें कुछ महिलाएं भी शामिल हैं। राजौरी के SSP मोहम्मद असलम ने इसकी पुष्टि की है। वहीं, रविवार को 1 जनवरी की शाम को हुई फायरिंग में घायल एक और युवक प्रिंस शर्मा की मौत हो गई। इसके बाद मरने वालों का संख्या 7 पहुंच गई है। इनमें 2 बच्चियां भी शामिल हैं।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि राजौरी के डांगरी गांव में हुए आतंकी हमले के आरोपियों का पता लगाने के लिए सर्च ऑपरेशन चल रहा है। जांच सही दिशा में चल रही है। जल्द ही इस हमले की गुत्थी सुलझ जाएगी। जांच और पूछताछ में हमें कुछ अहम सुराग मिले हैं। ऐसा लग रहा है कि राजौरी शहर के पास कुछ गांवों में आतंकवादी छिपे हुए हैं।
हमले के बाद राजौरी में ग्राम रक्षा समिति का कैंप
हमले के बाद राजौरी जिले के कई गावों में 5 जनवरी को ग्राम रक्षा समिति (VDC) का कैंप लगाया गया। इसमें उन लोगों के नामों की लिस्ट बनाई गई, जो VDC का सदस्य बनना चाहते हैं। इन लोगों को एलएमजी जैसे आधुनिक हथियार मुहैया कराए जाएंगें।
हमले के बाद डांगरी के सरपंच धीरज शर्मा ने बताया था कि क्षेत्र में एक ग्राम रक्षा समिति (VDC) थी, लेकिन पुलिस ने 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों से हथियार ले लिए थे। उन हथियारों को फिर से अलॉट भी नहीं किया गया। अगर VDC के लोगों के पास हथियार होते तो वे रविवार को आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब देते।
क्या है विलेज डिफेंस कमेटी (VDC)
1990 के दशक में तत्कालीन जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने पहाड़ी इलाकों में बढ़ते आतंकी हमलों के खिलाफ ग्राम सुरक्षा समिति का गठन किया गया था। इसके चलते लोगों को खुद की और अपनों की रक्षा करने के लिए हथियारों का प्रशिक्षण दिया जाता था। इसके लिए स्थानीय लोगों को स्वयंसेवक के तौर पर भर्ती किया गया था और उन्हें हथियार भी दिए गए थे। बाद में जब आतंकी हमले रुक गए, तब सदस्यों से हथियार ले लिए गए। हाल ही में इस वीडीसी यानी ग्राम रक्षा समिति का नाम बदलकर अब ग्राम रक्षा गार्ड (वीडीजी) कर दिया गया।
राजौरी में लगातार तीन आतंकी हमले…
1 जनवरी को बरसाईं गोलियां
नए साल के पहले दिन जम्मू-कश्मीर में तीन बड़ी आतंकी वारदात हुई थीं। आतंकियों ने राजौरी जिले के डांगरी गांव में 1 जनवरी यानी रविवार की शाम फायरिंग की थी। इस हमले में 4 हिंदुओं की जान चली गई थी और 7 घायल हुए थे। लोगों ने बताया कि आतंकी हमारे घरों में आए और आधार कार्ड देखकर दनादन गोलियां बरसा दीं। उनके टारगेट पर बाहरी लोग थे।
2 जनवरी की सुबह IED ब्लास्ट
इस घटना को अभी 24 घंटे भी नहीं हुए थे कि इसी गांव में एक बार फिर IED ब्लास्ट हुआ और दो बच्चियों की मौत हो गई। इस वारदात में 4 लोग घायल भी हुए थे। धमाका उन 3 घरों में से एक में हुआ, जहां रविवार शाम आतंकवादियों ने फायरिंग की थी। घटना के बाद सर्चिंग में एक और IED मिला था, उसे इलाके से हटा दिया गया था।