शहर में शुक्रवार देर शाम तेज हवाओं के साथ हुई बारिश से आई आफत की तस्वीर शनिवार सुबह साफ नजर आई। कई मकान और दुकानों की चद्दरें हवा में उड़ गई। पेड़ों के गिरने से 100 से अधिक मकान क्षतिग्रस्त हुए। बिजली के तार टूटे और वाहनों पर पेड़ गिरे हुए दिखाई दिए। करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ। भरपाई के लिए प्रभावितों ने शासन से मदद की गुहार लगाई है। एडीएम जितेंद्र श्रीवास्तव ने कहा है कि प्रभावितों को तत्काल राहत पहुंचाने को टीम पहुंचाई है जो राहत कार्य के साथ नुकसान का आकलन भी कर रही है। शुक्रवार रात भर कई कालोनियों के लोगों ने अंधेरे में बिताई। गर्मी के कारण कोरोना के होम आइसोलेशन वाले मरीजों सहित अन्य लोग बेहाल हो गए। हालात यह रहे कि शनिवार शाम तक भी शहर के कई इलाकों में बिजली व्यवस्था सुचारू नहीं हो पाई थी। इससे लोगों में विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों के प्रति नाराजगी भी देखने को मिली।
जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक डा. राजेन्द्र गुप्त ने कहा है कि उज्जैन में शुक्रवार शाम 50 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवा चली और घंटेभर में 38 मिलीमीटर बारिश हुई। ऐसा चक्रवाती तूफान यास की वजह से नहीं, बल्कि प्री मानसून गतिविधि के तहत हुआ। हवा इतनी तेज पिछले वर्षों में भी चली है, पर इस बार हवा का दायरा काफी लंबा रहा।
निगम को मिली 70 शिकायत, 150 से ज्यादा पेड़ हटाए
नगर निगम कंट्रोल रूम को पेड़ गिरने की 70 शिकायत मिली, मगर फील्ड में हटाने निकले तो 24 घंटों में 150 से ज्यादा पेड़ हटा दिए। निगम और पश्चिम क्षेत्र बिजली वितरण कंपनी के मुताबिक 50 से अधिक पेड़ जड़ से उखड़कर मकान या वाहन पर गिरे। जबकि 100 से अधिक पेड़ों की शाखाएं टूटकर बिजली के तारों पर गिरी। जिससे 80% कॉलोनियों की बिजली गुल हो गई। रातभर सुधार कार्य जारी रहा। करीब आधे शहर ने पूरी रात अंधेरे में गुजारी।
बिजली कंपनी का दफ्तर घेरा
महानंदा नगर, महाश्वेता नगर, कृष्णा पार्क, वल्लभनगर एक्सटेंशन सहित कई कॉलोनियों के लोगों ने पूरी रात बिजली गुल होने से अंधेरे में बिताई। कई शिकायत के बाद भी सुबह 10 बजे तक भी बिजली न आने पर 60 से ज्यादा लोगों ने महाश्वेता नगर स्थित बिजली कंपनी का जोन कार्यालय घेर लिया। इंतहा यह रही कि इसके बाद भी शाम तक इन कॉलोनियों में बिजली नहीं आई।
ऋषिनगर में 50 लाख की कार पेड़ के नीचे दबी
ऋषिनगर में 50 लाख की जैगुआर कार पेड़ के नीचे दब गई। आगर रोड उधोगपुरी में टेम्पो, गणेश नगर में ऑटो रिक्शा पेड़ के नीचे दब गया। कई अन्य स्थानों पर भी पेड़ गिरने से वाहनों के क्षतिग्रस्त होने की ख़बर रही।
मकान-दुकान की चद्दरें हवा में उड़ी, बाथरूम में घुस इस परिवार ने बचाई अपनी जान
अशोक नगर की दीपा रघुवंशी के मकान-दुकान की चद्दर तेज हवा में उखड़कर उड़ गई। गनीमत रही कि इसमें कोई हताहत नहीं हुआ। सुबह दीपा ने नईदुनिया को बताया कि तूफानी बारिश के वक्त घर में हम 7 सदस्य मैं, लकवाग्रस्त मेरे पति, बेटा-बहु, पोता-पोती थे। जब चद्दरें हवा में उड़ी तो सब घबराकर जान बचाने को एक बाथरूम में घुस गए। क्योकि इसकी छत पक्की थी। घर के अगले हिस्से में किराने की दुकान है, जिसमें रखा सामान खराब हुआ है।
जड़ सहित उखड़े पेड़
जितने भी पेड़ उखड़े उनकी जड़े सुखी, खोखली मिली। पर्यावरण के जानकार लोगों ने कहा कि पेड़ों को पानी मिलता रहता तो पेड़ कभी न गिरते। पर पेड़ों के आसपास अब पक्का निर्माण हो जाने से जड़ों को पानी नहीं मिल रहा है। इसलिए पेड़ कमजोर होते जा रहे।