रात में आरबीआइ के बाद सुबह भारत भवन और हमीदिया अस्‍पताल में भी घुसे आतंकी, एनएसजी कमांडो ने संभाला मोर्चा

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राजधानी के मैदामिल स्थित रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के क्षेत्रीय कार्यालय में गुरुवार रात नौ बजे अचानक हथियार बंद आतंकी घुस गए। इस दौरान उन्होंने कर्मचारियों को अपने कब्जे में ले लिया और ग्रेनेट से विस्फोट करना शुरू कर दिया। इसकी सूचना राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड एनएसजी कमांडो को मिली तो उन्होंने तत्काल मोर्चा संभाला और प्लानिंग कर दो घंटे की मशक्कत के बाद आतंकियों को अपनी गिरफ्त में ले लिया। दरअसल, यह सब एनएसजी (राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड) की मॉक ड्रिल का एक हिस्सा था। जिसे गुरुवार को आरबीआइ के क्षेत्रीय कार्यालय में बखूबी निभाया गया।

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इस मॉक ड्रिल के दौरान यहां आसपास से गुजर रहे लोगों में डर का माहौल बन गया। वहीं, कुछ लोग इस पूरी वारदात का वीडियो बनाने लगे थे। इस दौरान पूरे क्षेत्र में चेकिंग प्वाइंट बनाकर बड़ी संख्या में पुलिसबल तैनात किया गया था। वहीं, मुख्य मार्ग को बैरिकेड्स लगाकर बंद कर दिया गया था।सर्च ऑपरेशन के बाद मौके पर मौजूद अधिकारियों ने इसे मॉक ड्रिल बताया, तब जाकर लोगों ने राहत की सांस ली। मॉकड्रिल के दौरान सुरक्षा एजेंसियों का रिस्पॉन्स टाइम भी जांचा गया। वहीं, देरी से आई टीमों को सुधार के निर्देश भी दिए गए। बता दें कि देश के सबसे खतरनाक कमांडो ब्लैक कैट कमांडो या एनएसजी कमांडो होते हैं, जो आतंकी गतिविधियों से निपटने के लिए खास तौर पर तैयार किए जाते हैं। ये लोग काली पोशाक में ढके होते हैं और शरीर में कई किस्म के रक्षा कवचों से लैस होते हैं। इसके लिए 15 माह से तीन साल तक का प्रशिक्षण इन कमांडोज को दिया जाता है।

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आज सुबह भारत भवन और हमीदिया अस्‍पताल में हुई मॉक ड्रिलभोपाल के भारत भवन के अलावा हमीदिया अस्‍पताल में सुबह एनएसजी की टीम ने काउंटर टेरेरिज्म की मॉक ड्रिल की है। भारत भवन में मॉक ड्रिल सुबह साढ़े सात बजे शुरू हुई, जो करीब एक घंटे तक चली। इस दौरान प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्‍तम मिश्रा के अलावा दिल्ली, कोलकाता और मुंबई के कमांडोज व सीनियर अधिकारी भी मौजूद रहे।

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इसके बाद एनएसजी कमांडोज ने हमीदिया अस्‍तपाल में मॉक ड्रिल को लेकर मोर्चा संभाला। हॉस्पिटल की नई बनी 11 मंजिला बिल्डिंग में एनएसजी के जवान हेलीकाप्टर से रस्‍सी के सहारे छत पर उतरे और आतंकियों से निपटने की कार्रवाई शुरू की। यहां करीब पौन घंटा मॉक ड्रिल चली और जवानों ने आतंकियों को ढेर करते हुए डमी बने मरीजों को सुरक्षित बचा लिया। मॉक ड्रिल के चलते भारत भवन और हमीदिया के आसपास भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। पुलिसकर्मी लोगों को आसपास घूमने से रोक रहे थे। वहीं ट्रैफिक भी डायवर्ट कर दिया गया था। इन इलाकों में गोलियां चलने और धमाकों की आवाज से लोग दहशत में आ गए। लेकिन जब उन्‍हें पता चला कि मॉक ड्रिल चल रही है तो उन्‍होंने राहत की सांस ली।

एडिशनल एसपी जोन वन अंकित जायसवाल ने बताया कि करीब 350 से अधिक कमांडो भोपाल में मॉक ड्रिल के लिए गुरुवार को पहुंचे हैं। इसके लिए स्थानीय पुलिस भी उनका सहयोग कर रही है। इस तरह की मॉक ड्रिल अचानक हुए खतरे से निपटने के लिए की जाती है। वल्लभ भवन, आरबीआइ और भारत भवन में मॉक ड्रिल हुई है। मॉक ड्रिल के दौरान एनएसजी के जवान स्थानीय पुलिस को आपातकालीन हालात से निपटने का प्रशिक्षण भी देते हैं।

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