हाई कोर्ट ने एक अपने एक महत्वपूर्ण आदेश में कहा कि रायसेन के कामधेनु मार्केट काम्प्लेक्स में रानी अवंती बाई की प्रतिमा न लगाई जाए। प्रशासनिक न्यायाधीश शील नागू व न्यायमूर्ति पुरुषेंद्र कुमार कौरव की युगलपीठ ने सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश का उल्लंघन करने के लिए रायसेन नगर पालिका पर 30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। हाई कोर्ट ने इसमें से 10 हजार रुपये जनहित याचिकाकर्ता को व 20 हजार रुपये हाईकोर्ट विधिक सेवा समिति में जमा करने की व्यवस्था दी गई है। इसी के साथ कोर्ट ने जनहित याचिका का पटाक्षेप कर दिया गया।
यथास्थिति के निर्देश के बावजूद किए गड्ढे : जनहित याचिकाकर्ता तालाब मोहल्ला, रायसेन निवासी प्रदीप कुमार चौधरी व अन्य की ओर से अधिवक्ता शुभम राय व अमन गुप्ता ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि वेटरनरी अस्पताल के बगल में स्थित तिराहे के समीप वेटरनरी विभाग ने 37 दुकानों का शापिंग काम्प्लेक्स बनाया है। इसे कामधेनु मार्केट के नाम से जाना जाता है। इस काम्प्लेक्स के परिसर में रायसेन नगर पालिका रानी अवंती बाई लोधी की प्रतिमा लगाने जा रही है। जो इस मार्केट में पार्किंग व जनता के सुगम आवागमन में बाधा डालेगी। छह अप्रैल, 2021 को हाईकोर्ट ने मामले पर यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश दिए थे। हाई कोर्ट को बताया गया कि इसके बावजूद रायसेन नगर पालिका ने मूर्ति लगाने की तैयारी कर ली है। फोटोग्राफ पेश कर बताया गया कि इसके लिए काम्प्लेक्स परिसर में गड्ढे भी कर दिए हैं
सुप्रीम कोर्ट का आदेश बरकरार : रायसेन नगर पालिका की ओर से बताया गया कि एमआइसी ने 2019 में इस प्रतिमा को लगाने का प्रस्ताव पारित किया है। याचिकाकर्ता की मंशा पर नगर पालिका की ओर से सवाल उठाए गए। अंतिम सुनवाई के बाद कोर्ट ने पाया कि सुप्रीम कोर्ट ने 2013 में अंतरिम आदेश जारी कर जनवरी 2013 के बाद सार्वजनिक स्थल व यातायात में बाधक प्रतिमाएं हटाने के निर्देश दिए थे। ऐसी जगहों पर भविष्य में भी प्रतिमाएं न लगाने को कहा गया था। 2018 में शीर्ष कोर्ट ने अपने इस आदेश को बरकरार रखा। कोर्ट ने कहा कि इससे स्पष्ट है कि उक्त आदेश अभी भी प्रभावी है। रायसेन नगर पालिका ने जानबूझकर इसकी अवहेलना की। जनहित याचिका को सार्थक रूप में लेने की बजाय जनहित याचिकाकर्ता की मंशा पर सवाल ऊठाए। जबकि जनहित याचिकाकर्ता ने व्यापक जनहित में याचिका लगाई। कोर्ट ने यह कहते हुए कामधेनु मार्केट काम्प्लेक्स में उक्त प्रतिमा न लगाने के निर्देश दिए। कोर्ट ने रायसेन नगर पालिका के अनुचित रवैये के चलते 30 हजार रुपये का जुर्माना लगाया।