पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान आज, यानी शनिवार को इमरान रावलपिंडी में रैली करेंगे। इस बीच उन पर बम हमले का अलर्ट मिला है। उनकी सुरक्षा के चलते सरकार ने एलीट कमांडो तैनात किए हैं।
खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की पुलिस का स्पेशल स्क्वॉड और इमरान के निजी गार्ड भी उनकी सुरक्षा कर रहे हैं। हाल ही में इमरान खान पर एक रैली के दौरान हमला हुआ था। वहीं, अब इमरान खान एक बार फिर शाहबाज शरीफ सरकार के खिलाफ सड़क पर उतर रहे हैं।
इस्तीफे का दबाव बढ़ाने फिर उतरे हैं इमरान
पाकिस्तान के राजनीतिक एक्सपर्ट नजम सेठी ने कहा कि इमरान का मकसद शाहबाज सरकार पर इस्तीफे के लिए दबाव बढ़ाना है। सेना में बदलाव के बाद मार्च के शांतिपूर्ण खत्म होने की संभावना है। रिटायर सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा ने भी कहा कि सेना राजनीतिक मामलों में दखलंदाजी नहीं करेगी।
ड्रोन उड़ाने पर प्रतिबंध
इमरान खान की रैली को लेकर सरकार ने इस्लामाबाद के सभी रास्तों पर कड़ी सुरक्षा कर दी है। इस दौरान ड्रोन कैमरों पर प्रतिबंध लगाया गया है। रैली की हवाई निगरानी की जाएगी और इमारतों से स्नाइपर नजर रखेंगे।
टकराव के लिए तैयार खान
- इमरान ने इस महीने की शुरुआत में लाहौर से इस्लामाबाद लॉन्ग मार्च शुरू किया था। वजीराबाज में उन पर कथित तौर पर हमला हुआ। इसके बाद से वो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भाषण दे रहे हैं। उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के बाकी नेता मार्च बढ़ा रहे हैं।
- कहा जा रहा है कि नए आर्मी चीफ पर दबाव बनाने के लिए ही इमरान ने 26 नवंबर को फौज के ही शहर में रैली करने का ऐलान किया है। इसके अलावा वो सरकार को भी अल्टीमेटम देने जा रहे हैं कि वो जल्द से जल्द जनरल इलेक्शन की तारीखों का ऐलान करे। खान पहले ही कह चुके हैं कि अगर सरकार और उसके पैरोकार (फौज) चुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं करते तो वो मुल्क जाम कर देंगे।
- सरकार और फौज इसलिए परेशान है क्योंकि सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (MBS) को पाकिस्तान के खराब हालात की वजह से पिछले हफ्ते अपना दौरा रद्द करना पड़ा था। 2014 में इमरान की वजह से ही चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को पाकिस्तान विजिट कैंसल करनी पड़ी थी।
- खान की पार्टी ने बुधवार को दावा किया कि 26 नवंबर को होने वाली रैली ऐसी होगी, जैसी पाकिस्तान के इतिहास में कभी नहीं हुई होगी। इमरान के लॉन्ग मार्च में अब तक एक महिला जर्नलिस्ट समेत 3 लोग मारे जा चुके हैं।
- इमरान के लॉन्ग मार्च की वजह से सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान का दौरा रद्द हुआ। इसके अलावा पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा में केंद्र सरकार कुछ नहीं कर पा रही है। इसकी वजह से सिर्फ सरकार ही नहीं, बल्कि फौज भी परेशान है। इमरान के बयानों से फौज में दरार पड़ने की भी खबरें हैं। माना जा रहा है कि फौज और सरकार इमरान के खिलाफ सख्त रुख अपनाने का फैसला कर चुके हैं। इसके संकेत डिफेंस मिनिस्टर ख्वाजा आसिफ के बयान से मिलते हैं। उन्होंने कहा था- आर्मी चीफ के अपॉइंटमेंट के बाद इमरान से निपटा जाएगा।