कोरोना काल के दौरान बंद ट्रेनाें को पूरी रफ्तार से शुरू किया गया। स्पेशल ट्रेनों को सामान्य ट्रेनों में बदला गया। इतना ही नहीं सीनियर सिटीजन से लेकर पत्रकारों को मिलने वाली रियायत भी बंद कर दी। असर यह हुआ कि पश्चिम मध्य रेलवे ने अपनी आय को ग्राफ दो गुना कर दिया। दरअसल पश्चिम मध्य रेल ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के अप्रैल से जनवरी तक 4656 करोड़ रेल राजस्व कमाया। यह आय पिछले साल की तुलना में 25 फीसदी अधिक है। वहीं पैसेंजर यातायात में अप्रैल से जनवरी 1042 करोड़ रुपये की आय हुई। यह कमाई भी पिछले साल की तुलना में 349 करोड़ अधिक है। इतना ही नहीं कोचिंग रेवेन्यू में भी पमरे ने अपनी कमाई का ग्राफ बढ़ा लिया। इससे 118 करोड की आय अर्जित हुई है। माल ढुलाई में अप्रैल से जनवरी तक 3376 करोड़ का रेलवे राजस्व मिला। पमरे में अप्रैल 2021 से जनवरी 2022 तक रेल राजस्व में कुल 4656 करोड़ का इजाफा किया।
नए आयाम : यात्री यातायात के लिए अधिक से अधिक सुविधाओं का विस्तार करके रेल यात्रा को सुरक्षित और बेहतर बनाया गया। पमरे में 97 प्रतिशत यात्री गाड़ियों का संचालन पुनः प्रारंभ किया। अब तक पमरे से प्रारंभ एवं गुजरने वाली कुल 795 से अधिक यात्री गाड़ियों का संचालन हो रहा है। यात्री यातायात के लिए मेल एक्सप्रेस के संचालन के साथ नई मेमू ट्रेनों को चलाकर नियमित ट्रेन में सफर कर भी अपनी आय बढ़ा ली। इसके साथ ही लोडिंग की दिशाओं में बढ़ावा देने के लिए व्यापार विकास इकाइयां (बीडीयू) बनाई। नए लोडिंग स्ट्रीम से माल यातायात के लिए बढ़ावा दिया गया। गुड्स टर्मिनल की वर्किंग में सुधार करने के प्रयास एवं मालगाड़ियों के डिटेंशन को कम किया जा रहा। जिससे फ्रेट मालगाड़ियों के संचालन में तेजी से आयी और अधिक से अधिक माल ढुलाई के लादान में वृद्धि हुई।