रीवा में दुष्कर्म के आरोपित महंत को किसने दिलाया कमरा, संशय बरकरार

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 12 दिन पूर्व जिले के सर्किट हाउस में महंत सीताराम दास द्वारा नाबालिक लड़की के साथ दुष्कर्म के मामले में अब तक प्रशासन या सेंड नहीं कर पाया है। उक्त कमरे को कौन से अधिकारी एवं किसके कहने पर विनोद पांडे के नाम दिया गया था। एक तरफ जहां एसडीएम अनुराग तिवारी ने कहा है कि उन्होंने किसी के नाम पर सर्किट हाउस का कमरा नंबर 4 एलाट नहीं किया था। उन्होंने अपने लिखित प्रतिवेदन में कलेक्टर को अवगत कराया है कि उक्त कमरा हिस्ट्रीशीटर विनोद पांडे एवं उसके साथियों ने जबरन कब्जा कर रखा था। लगातार कार्रवाई करने वाला प्रशासन अभी यह बताने में नाकाम साबित हो रहा है कि आखिरकार वह कमरा किसके कहने पर हिस्ट्रीशीटर को दिया गया था, 12 दिन बीत जाने के बाद भी पूरे मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।

मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई

रोजगार सम्मेलन में शिरकत करने आए प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंच पर से ही दुष्कर्म के आरोपित को कमरा एलाटमेंट करने वाले अधिकारी कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए थे बावजूद इसके अब तक कार्रवाई की गई है।

प्रोटोकाल का पालन नहीं

जानकार बताते हैं कि जिले में स्थित सर्किट हाउस कई विशेष प्रोटोकाल होता है जिसमें विशेष दर्जा प्राप्त अतिथिगण रुक सकते हैं। जिसमें विधायक, सांसद, मंत्री, केंद्रीय मंत्री, न्यायाधीश, प्रशासनिक अधिकारी एवं राजपत्रित अधिकारीगण को रुकने की व्यवस्था की गई थी। ऐसे में हिस्ट्रीशीटर के नाम पर सर्किट हाउस का कमरा दिया जाना इस बात की ओर संकेत करता है किसी राजनितिक व्यक्ति द्वारा कमरा देने की सिफारिश की गई होगी।

चर्चा यह भी

सर्किट हाउस में कमरा मिलने को लेकर जनमानस में यह भी चर्चा है कि विनोद पांडे के नाम पर दिए गए सर्किट हाउस के कमरे के पीछे प्रदेश सरकार के एक मंत्री का हाथ है। हालांकि कोई ठीक से नहीं बता पा रहा है कि वह कौन से मंत्री हैं, उनके पास कौन सा विभाग है। पूरे मामले में गौरतलब बात यह है कि एसडीएम अनुराग तिवारी जो कि स्वागत अधिकारी भी हैं, वह मौन धारण किए हुए हैं उन्होंने अपने बयान में साफ तौर पर कहा है कि उन्होंने किसी भी प्रकार से उक्त कमरा विनोद पांडे को नहीं दिया है। जबकि सर्किट हाउस में रखे एंट्री रजिस्टर की माने तो उसमें साफ तौर पर अंकित है कि एसडीएम अनुराग तिवारी के कहने पर विनोद पांडे के नाम पर कमरे का एलाटमेंट किया गया।

देखिए उक्त मामले में एसडीएम ने अपना पक्ष रखा है उन्होंने कमरा नहीं दिया था, बाकी आप मंत्री का नाम ले रहे हैं। मुझे नहीं मालूम कमरे के लिए मंत्री ने सिफारिश की है। एडीएम जांच कर रहे हैं जल्द सच्चाई सामने होगी।

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