रूस (Russia) ने ताइवान (Taiwan) को चीन (China) का एक अविभाज्य हिस्सा माना है। वह उसकी किसी भी तरह की आजादी को खारिज कर दिया। यह जानकारी शुक्रवार को रूस-चीन की संयुक्त घोषणा में सामने आई। बयान में कहा गया है, ‘रूसी पक्ष एक चीन सिद्धांत के लिए अपने समर्थन की पुष्टि करता है।’ ताइवान चीन का एक अविभाज्य हिस्सा है। वह ताइवान की स्वतंत्रता के किसी भी रूप का विरोध करता है।
अमेरिका पर लगाया आरोप
बयान में कहा गया कि रूस और चीन संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के साथ घरेलू मामलों में विदेशी भागीदारी के विरोध सहित अपने प्रमुख हितों की रक्षा के लिए मजबूत पारस्परिक समर्थन को दोहराते हैं। एक लंबे चौड़े संयुक्त बयान में चीन ने अमेरिका पर हांगकांग में दंगे भड़काने और ताइवान की आजादी को धक्का देने का आरोप लगाया। जबकि रूस ने यूएस पर यूक्रेन को अस्थिर करने का दोषी ठहराया है।
क्रेमलिन ने जारी किया संयुक्त बयान
5300 शब्दों के संयुक्त बयान को क्रेमलिन (रूसी राष्ट्रपति का कार्यालय) ने जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि रूस और चीन बाहरी ताकतों द्वारा अपने आम निकटवर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा और स्थिरता को कमजोर करने के प्रयासों के खिलाफ खड़े हैं। इसमें लिखा है, ‘दोनों राष्ट्र किसी भी बहाने से संप्रभु देशों के आंतरिक मामलों में बाहरी ताकतों के हस्तक्षेप का मुकाबला करने का इरादा रखते हैं।’
बीजिंग में मिले नेता
वहीं चीन ने कहा कि दुनिया को उस तरह के शक्ति ब्लॉकों में विभाजित नहीं किया जाना चाहिए। जिसने उस युग को परिभाषित किया जब सोवियत संघ और संयुक्त राज्य अमेरिका दो प्रमुख महाशक्तियां थे। इससे पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शीतकालीन ओलंपिक उद्घाटन समारोह से पहले बीजिंग में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। बता दें यूक्रेन को लेकर पश्चिम के साथ बढ़ते तनाव के बावजूद पुतिन साल की अपनी पहली विदेश यात्रा पर हैं। लगभग दो वर्षों में अपनी पहली आमने-सामने की बैठक में, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने चीनी समकक्ष से मुलाकात की।