बीते 7 जुलाई को बालाघाट पुलिस के द्वारा नक्सलियों को विस्फोटक सामग्री सप्लाई करने वाले गिरोह के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया वहीं पुलिस की लगातार कार्यवाही के चलते अब तक 16 आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय पेश कर जेल भेज दिया गया हैं। शुक्रवार को एसडीओपी दुर्गेश आर्मो ने पत्रकारों से चर्चा करते हुये बताया कि 15 जुलाई को लांजी पुलिस के द्वारा गोंदिया जिले के देवरी से शराब कारोबारी देवराज गुन्नेवार को गिरफ्तार किया गया है। देवराज पर आरोप है कि उसने गिरफ्तार हो चुके 8 आरोपियों में से एक आरोपी घनश्याम आचले को इसमें 5 लाख दिए हैं। पुलिस ने आरोपी घनश्याम के ब्यान के आधार पर बताया कि देवरी से शराब कारोबारी देवराज गुन्नेवार उर्फ अन्ना को गिरफ्तार किया है। इस मामले के संबंध में पुलिस ने देवराज का पक्ष रखते हुए बताया कि देवराज ने घनश्याम को 19-20 जुलाई को पैसे दिए थे। उसने पैसे इसलिए दिए थे क्योंकि नक्सली उन्हें बार-बार परेशान कर रहे थे जिसके चलते उसने अपनी सुरक्षा की दृष्टि से 5 लाख की राशि दी थी। पुलिस का कहना है कि नक्सलियों को पैसे देना एक प्रकार से अपराध है जिसके कारण से नक्सली गतिविधियां बढ़ती है। वहीं पुलिस ने अब तक कुल 16 लोगों की गिरफ्तारी की है।
मुख्य आरोपी घनश्याम ने बताया कैसे नक्सलियों को पहुंचाया जाता था विस्फोटक, सामग्री
पुलिस के द्वारा 7 जुलाई को किरनापुर थाना अंतर्गत नक्सलियों को सप्लाई होने वाली एक बड़ी खेप जिसमें कुछ पिस्टल व जिलेटिन की छड़ों एवं अन्य सामग्री बरामद की थी जिसे पुलिस ने जप्त कर कार्यवाही प्रारंभ की थी। पुलिस ने आगे की कार्यवाही में नक्सलियों से मिले लोगो का पता लगाने की कोशिश की जिसमें आठ आरोपियों को पकड़ा गया जिसमें घनश्याम नाम के आरोपी ने बताया कि वह पहले किन लोगों से हथियार व विस्फोटक सामग्री मंगाता था तथा नक्सलियों तक कैसे हथियारों को पहुंचाता था। आरोपी घनश्याम ने बताया कि गोंदिया (आमगांव) निवासी वचन खंडारे नाम का व्यक्ति था उसने पिस्टल और जिलेटिन छड़े उपलब्ध करवाई थी जो नक्सली तक पहुंचाई जानी थी, इसमें जो एक पिस्टल थी वह वचन खंडारे की थी। इस बात की तस्दीक की गई तो वचन खंडारे ने वह पिस्टल किन लोगों से ली इस बारे में जानकारी दी। वचन की जानकारी के मुताबिक 2 आरोपियों को और पकड़ा गया जिसमें एक बारू कुम्हारे तथा बंटी बानवारे दोनों गोंदिया निवासी को पकड़ा गया। मामले की जड़े खुलती गई तो पता चला कि बारु नाम के व्यक्ति ने वचन खंडारे को जिलेटिन की रॉड उपलब्ध करवाई थी। पुलिस ने बारु से पूछताछ की तो जिलेटिन रॉड कहां से लाए तब उसने बताया कि राजेश पाटिल ( गोंदिया ) नाम का व्यक्ति है उसने उपलब्ध करवाई है। इसी चैन में राजेश पाटिल से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि अशोक पाटिल ( गोंदिया ) ने उपलब्ध करवाई है। अशोक पाटिल से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि बालाघाट के सुनील लिल्हारे नाम के व्यक्ति के द्वारा उसने जिलेटिन की छड़ ली थी। पुलिस ने बताया कि सुनील लिल्हारे नाम का व्यक्ति पहले भरवेली मॉयल में कर्मचारी था उसने बताया कि वह जिलेटिन रॉड को तब लाता था जब माइनिंग के दौरान ब्लास्ट के वक्त मिस फायर हो जाती थी। ऐसी जिलेटिन रॉड को अपने बूट में भरकर बाहर ले आता था। इस तरह से वह इसी कड़ी से जुड़े 4-5 लोगों को बेचता था तथा अंत में कोई एक व्यक्ति 5000 से 5500 तक नक्सलियों को जिलेटिन की रॉड बेचते थे। पुलिस ने जानकारी में बताया कि यह लोग मुख्य रूप से मलाजखंड, तांडा, गडचिरोली, राजनंदगांव जैसे दलम के नक्सलियों को विस्फोटक सामग्री सप्लाई करते थे।
बोरवेल कंपनी के भी कुछ लोग जुड़े इस लिंक में
पुलिस ने बताया कि जिलेटिन की छड़ की तस्करी करने में बोरवेल कंपनी के कुछ लोग भी जुड़े हो सकते हैं। बालाघाट – गोंदिया जिले के कुछ बोरवेल कंपनी के लोग भी जिलेटिन की छड़ की तस्करी करने में शामिल है। पुलिस ने बताया कि बोरवेल कंपनी वाले जिलेटिन छड़ का उपयोग बोर के अंदर बड़े-बड़े पत्थरों को तोडऩे के लिए उपयोग में लाते है परंतु बालाघाट जिला जो नक्सली क्षेत्र यहां पर इसका दुरुपयोग किया जाने लगा है जो बहुत ही गलत बात है। जिले में जिलेटिन रॉड की तस्करी सुनील लिल्हारे के द्वारा अशोक पाटिल एवं राजेश पाटिल के जरिये की जाती थी। इसके बाद अशोक एवं राजेश, बारु कुम्हारे को देते थे तथा बारु, वचन को देता था एवं वचन अंत में घनश्याम के पास देता था जहां घनश्याम यह जिलेटिन रॉड नक्सली को देने वाला था। इनके अलावा जो दूसरे 8 लोग पहले पकड़े गए थे इन्होंने सामग्री कहां से लाई थी इसके बारे में पता साजी की जा रही है। इसके लिए पुलिस की टीम राजस्थान और इंदौर भी गई हुई थी, वहां से दो व्यक्तियों को पूछताछ के लिए लाया गया है तथा साक्ष्य पाए जाने पर उन्हें रिमांड पर लिया जाएगा।
लांजी – किरनापुर क्षेत्र के लोग भी हो सकते है शामिल
एसडीओपी दुर्गेश आर्मो ने बताया कि लांजी किरनापुर क्षेत्र के लोग भी इस नक्सली गतिविधि में शामिल हो सकते है। आपने बताया कि जब सबसे पहले 8 लोगों की गिरफ्तारी हुई तो उसमें सबसे पहला आरोपी किरनापुर थाना के बोरबन क्षेत्र का पाया गया जिसका नाम बलजुर उइके है जो कि सामग्री बेचने वाले की नक्सलियों के साथ मीटिंग फिक्स कराता था। इसके अलावा बालाघाट जिले से सुनील लिल्हारे जो मॉयल में मजदूरी का काम करता था। लांजी क्षेत्र नक्सल प्रभावित क्षेत्र है तो अनुमान लगाया जा रहा है कि यहां भी उनके मददगार हो सकते है। पुलिस ने बताया कि जैसे-जैसे उनकी कार्यवाही को बढ़ाया जाएगा वैसे वैसे आरोपियों के चेहरे सामने आते जाएंगे।
पकड़े गए आरोपी सामान बेचने नहीं बल्कि सैंपल के लिए लाए थे
पुलिस ने बताया कि पकड़े गए सभी आरोपियों के पास से जो सामग्री जप्त की गई है उसे बेचने के उद्देश्य से नहीं बल्कि नक्सलियों को सिर्फ सामान की टेस्टिंग के लिए लाया गया था जिसके पश्चात उन्हें नक्सलियों के द्वारा बड़े पैमाने में सामान का ऑर्डर मिलने वाला था। एक प्रकार से पकड़े गए आरोपी नक्सली के लिए सैंपल लाए हुए थे जिसके बाद उन्हें बड़े ऑर्डर मिलने वाले थे। लेकिन जाहिर सी बात है जिस तरह इन आरोपियों ने नक्सलियों को विस्फोटक सामग्री देने के लिए जो व्यवस्था की थी उस प्रकार से यह लोग आगे भी व्यवस्था कर सकते थे।
पकड़े गए आरोपी नहीं थे एक दूसरे के परिचित
पकड़े गए 16 आरोपी का संबंध पहले से था कि नहीं इस संबंध में पुलिस से पुछने पर कहा कि इन लोगो के संबंध पहले से नहीं थे परन्तु पकड़े गए आधे से ज्यादा आरोपी गोंदिया और बालाघाट के ही है। पुलिस को जिलेटिन की तस्करी वाली लिंक इसलिए मिली क्योंकि वह माइनिंग में ब्लास्टिंग के उपयोग में लाया जाता था इसके साथ ही बोरिंग करने वाले भी पत्थर फोडऩे के लिए उपयोग में करते थे। इस तरह यह लोग परिचित हो सकते है परन्तु यह लोग पहले से एक दूसरे के परिचित नहीं थे। पुलिस ने बताया कि उनका संपर्क सिर्फ काम के वक्त हुआ करता था जब किसी सामान के बारे में चर्चा करना हो या किसी सामान की डिलीवरी करना हो तभी इनकी मुलाकात या बातचीत होती थी। पकड़े गए आरोपी में किरनापुर बोरबन का जो बलजूर है वह नक्सली और नक्सली को सामान देने वाले लोग उनके बीच का आदमी था। जब भी नक्सलियों को सामान देने वाली पार्टी से मिलना होता था वह बलवीर के माध्यम से मिलते थे तथा सामान के सप्लाई की डील करते थे।
मनी लांड्रिंग के जरिए होती थी नक्सली फंडिंग
पुलिस से जब मनी लांड्रिंग के संबंध में पूछा गया तो बताया कि नक्सली अपने फंडिंग के लिए किसी ऐसे व्यक्ति को टारगेट करते थे जो उन्हें पैसे दे सकता है तथा उन्हें धमकी देकर पैसे ले लेते थे। इसी कड़ी ने उन्होंने 15 जुलाई को गोंदिया ( देवरी ) का शराब कारोबारी देवराज गुन्नेवार को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि पहले गिरफ्तार किए गए आरोपी में घनश्याम से पूछताछ के दौरान पता चला कि देवराजन गुन्नेवार ने 19-20 जून को उसे नक्सलियों की मांग पर 5 लाख रुपए दिए थे।
साइबर सेल के माध्यम से की जा रही अन्य लोगो की पतासाजी
पुलिस ने बताया कि अब तक जो व्यक्ति पुलिस की गिरफ्त में आये है, जिनके मोबाइल व फोन नंबर को साइबर सेल में जांच के लिए भेज दिया गया है। इनके मोबाइल में किन किन लोगों के कांटेक्ट बालाघाट जिले एवं गोंदिया जिले से हैं तथा लांजी क्षेत्र से भी जिन लोगों के कांटेक्ट है सबकी ट्रेसिंग की जा रही है और जो लोग पकड़े गए हैं वह पहले बालाघाट आए हैं अगर बालाघाट आए है तो किसके यहां रुके हैं किन लोगों से बातचीत की है इस संबंध में भी जानकारी निकाली जा रही है।