कोरोना के कारण कारोबार पर तो पहले ही विपरीत असर पड़ चुका है, ऊपर से पेट्रोलियम कंपनियों की ओर से प्रतिदिन तेल की कीमतों में वृद्धि कर जले पर नमक छिडक़ने का काम किया जा रहा है। लगातार बढ़ रहे पेट्रोल, डीजल के दाम ने जनता को परेशान कर रखा है। केंद्र सरकार महंगाई पर काबू पाने में असफल नजर आ रही है। पेट्रोल, डीजल की कीमतों में हो रही वृद्धि ने लोगों की जेब पर बोझ डाल दिया है। शुक्रवार को लांजी नगर में पेट्रोल 110 रूपये 23 पैसे तथा डीजल 100 रूपये 55 पैसे तथा रसोई गैस 863 रूपये 36 पैस पहुंच गया है। पेट्रोल एवं डीजल के दामों में वृद्धि के साथ-साथ सरकार के द्वारा रसोई गैस खाने के तेल एवं अन्य महत्वपूर्ण उपयोगी वस्तुओं के दामों में भी वृद्धि कर दी गई है जिसके कारण आम जनता सरकार से त्रस्त हो गई है। शुक्रवार को पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों के बढऩे पर जनता की राय जानने की कोशिश की गई तो काफी लोगों ने केंद्र सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए। लोगों ने कहा कि अच्छे दिन का नारा लगाकर सत्ता में आई केंद्र की मोदी सरकार ने देश को सात साल में ही बर्बाद कर दिया है। महंगाई इस कदर तक बढ़ गई है कि घर व परिवार का खर्च चलाना संघर्ष से कम नहीं है। 70 साल में इतनी ज्यादा तेल की कीमतें नहीं हुई जितनी मोदी के शासनकाल में हो गई। कोरोना के कारण कारोबार पर तो पहले ही विपरीत असर पड़ चुका है, ऊपर से पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस, खाद्य तेल के दामों में लगातार वृद्धि कर सरकार जले पर नमक छिडक़ने का काम कर रही है।
गांव से लांजी मुख्यालय आने सोचना पड़ता है – मुकेश मटाले
ग्राम कारंजा निवासी मुकेश मठाले जो कारंजा में किराना दुकानों में समान की डिलेवरी करते है तथा अखबार बाटने का काम करता है। मुकेश ने बताया कि वह सामान लेने और अखबार लेने के किए रोजाना कारंजा से लांजी मोटरसाईकल से आना जाना करता है। ऐसे में पेट्रोल के महंगे दम के कारण उसे लांजी आने में सोचना पड़ता है। उसने यह भी बताया कि जितने की उसकी कमाई नहीं होती उससे ज्यादा का उसे पेट्रोल लग रहा है।
डीजल के दामों में बढ़ोत्तरी से किराए के वाहनों का भाड़ा बड़ गया – पारस मुरकुटे
नगर के ट्रैवल एजेंसी के संचालक पारस मुरकुटे ने बताया कि पेट्रोल के दामों के साथ साथ डीजल के दामों में वद्धि के कारण उनके वाहनों का भाड़ा बड़ गया है। पहले 1 वाहन को लांजी से बालाघाट जाने के लिए 1800 से 2000 तक भाड़ा लगता था अभी 2400 से 2600 रूपये तक का भाड़ा लग रहा है। डीजल के दामों के कारण वाहन का भाड़ा बड़ गया जिसके कारण अब ज्यादा लोग वाहन कि बुकिंग नहीं कर रहे है। केंद्र सरकार को जल्द से जल्द तेलो के दामों में कमी लानी चाहिए नहीं तो इस बढ़ती महंगाई का जवाब सरकार को आम जनता चुनाव के वक्त देगी।
वेतन का आधा हिस्सा पेट्रोल में ही जा रहा – दीपक श्रीवास
नगर के वार्ड क्रमांक 3 निवासी दीपक श्रीवास जो वर्तमान में जिला चिकित्सालय में लेब टेक्निशियन के पद पर कार्यरत है इन्होंने बताया कि वह रोजाना लांजी से बालाघाट अपनी मोटरसाईकल से आना जाना करते है परन्तु महंगे पेट्रोल के दमो के कारण उनके वेतन का आधा हिस्सा पेट्रोल में ही चले जाता है। इसके साथ ही रोजमर्रा कि चीजों में भी वृद्धि के कारण वेतन में किसी प्रकार की बचत नहीं होती। केंद्र सरकार को जल्द से जल्द पेट्रोल डीजल के दामों में कमी लाना चाहिए नहीं तो आम जनता का बजट बिगड़ जाएगा।
कार में जाने से पहले सौ बार सोचना पड़ता है – शशांक गुर्दे
शशांक गुर्दे का कहना है कि सरकार मनमर्जी से आए दिन तेल की कीमतों में वृद्धि कर देती हैं। एक तो कोरोना के कारण वैसे ही बुरे हालात हैं, ऊपर से पेट्रोल-डीजल की कीमतें आसमान छूने लगी हैं। केंद्र सरकार को चाहिए कि पेट्रोल डीजल के दामों में अब और ज्यादा वृद्धि नहीं होनी चाहिए। अब तो उन्हें कार चलाने के लिए भी सोचना पड़ता है, क्योंकि केंद्र सरकार महंगाई रोकने में नाकाम रही है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो कारें एक दिन घरों में शो पीस बन कर रह जायेगी।
महंगाई के कारण जीवनयापन करना हुआ मुश्किल – मनीष जुझार
नगर के युवा कांग्रेसी नेता मनीष जुझार का कहना है कि कोरोना के कारण युवाओं के रोजगार पर पहले से वांदे लगे हुए है ऊपर से पेट्रोल, डीजल, गैस, तेल आदि कीमत बढऩे का असर अन्य चीजों पर भी हो रहा है। ऐसे में आम आदमी के लिए जीवनयापन करना बहुत मुश्किल हो रहा है। आमजन के हिसाब से खर्च ज्यादा बढ़ गए हैं। रसोई गैस की कीमतें बढऩे से घर का बजट गड़बड़ा रहा है। सरकार को आम आदमी के बारे में सोचते हुए महंगाई पर नकेल कसने की जरूरत है। देश की जनता पहले ही महंगाई से त्रस्त है और ऊपर से पेट्रोल की कीमतों में वृद्धि खून निचोडऩे का काम कर रही है। सरकार को चाहिए कि पेट्रोल पदार्थो के दामों में कमी जल्द से जल्द करे नहीं तो जल्द ही महंगाई के विरोध में देशव्यापी आंदोलन होगा।