वर्षों से लंबित अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र देने की मांग पूरी ना होने से आदिवासी गोवारी समाज भापजा सरकार से खासा नाराज है।जिन्होंने भारतीय जनता पार्टी के स्थानीय नेताओं सहित मुख्यमंत्री यादव और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधते हुए भाजपा सरकार के लिए सड़क पर उतरकर आंदोलन करने और अपने इस हक अधिकार के लिए 9 जुलाई को विधानसभा का घेराव किए जाने की चेतावनी दी है।यह चेतावनी आदिवासी गोवरी समाज संगठन द्वारा सोमवार को नगर के सर्किट हाउस में आयोजित एक पत्रकारवार्ता के दौरान दी गई है।
अयोजित पत्रकारवार्ता के दौरान आदिवासी गोवरी समाज संगठन ने स्पष्ट किया है कि आदिवासी गोवारी समाज अनुसूचित जनजाति में आता है बावजूद इसके भी सरकार ने अब तक उन्हें ओबीसी से विलोपित नहीं किया है। और ना ही अब तक अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र जारी किया गया है।जिसके चलते आदिवासी गोवारी समाज ने पिछले दिनों आक्रोश रैली धरना प्रदर्शन चकाजाम और ज्ञापन सौपकर अपना आक्रोश जताया था।उसके बाद भी मांग पूरी ना होने पर अब समाज संगठन ने यह मुद्दा विपक्षी विधायको के माध्यम से विधानसभा के अंदर उठाने, उन्हें ओबीसी से विलोपित कर अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र देने की मांग की है तो वही उन्होंने अपनी इस मांग को लेकर 9 जुलाई को विधानसभा का घेराव कर प्रदर्शन किए जाने की चेतावनी दी है।
हमें मौलिक अधिकारों से रखा जा रहा वंचित
आयोजित पत्रकारवार्ता के दौरान आदिवासी गोरी समाज सहित संगठन के पदाधिकारियों ने अपने संबोधन में बताया कि बताया कि अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र हमारा मौलिक अधिकार है जिसे पाने के लिए हम बरसों से प्रयास कर रहे हैं। मध्य प्रदेश में आदिवासी गोवारी जाति अनुच्छेद 342 के अंतर्गत आती है लेकिन मध्य प्रदेश सरकार ने गलती से गोवारी जाति को ओबीसी में डाल दिया है। जिसे ओबीसी से विलोपित कर अनुसूचित जनजाति में डालने के लिए हम वर्ष 2018 से संघर्ष कर रहे हैं। इस विषय पर अनुसंधान हुआ है, रिसर्च टीम की रिपोर्ट भी आ गई है। हमारी मांग को अनुसंधान टीम ने स्वीकार कर लिया है कि गोवारी जाति को ओबीसी से विलोपित किया जाए। लेकिन पिछले 6 वर्षों से अभी तक हमें अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र नहीं दिया गया है और ना ही अब तक ओबीसी से हमें हटाया गया गया है।इसीलिए मध्य प्रदेश गोवारी समाज में प्रदेश सरकार और स्थानीय बीजेपी नेताओं के खिलाफ भारी आक्रोश है। क्योंकि समाज संगठन द्वारा कई बार स्थानीय विधायको सांसदो, मंत्रियों को आवेदन देकर निवेदन किया गया है लेकिन इन्होंने हमारी कोई सुनवाई नहीं की। जबकि मध्य प्रदेश की सरकारी किताब, राजपत्र में भी हमारे समाज को अनुसूचित जनजाति में लिखा गया है। फिर भी हमें इसका प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जा रहा है।पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जितने बार बालाघाट आए उतने बार उन्हें ज्ञापन देकर आवेदन निवेदन किया गया है लेकिन उन्होंने भी हमारी कोई सुनवाई नहीं की जिसके चलते समाज में भारी आक्रोश है। क्योंकि यह सरकार हमें हमारे मौलिक अधिकारों से वंचित कर रही है इसीलिए प्रदेश में स्थित हमारे समाज ने यह निर्णय लिया है कि 1 जुलाई से विधानसभा सत्र शुरू हो रहा है हम 9 जुलाई को बालाघाट सिवनी छिंदवाड़ा सहित अन्य जिलों के आदिवासी गोवारी समाज के लोग भारी तादाद में विधानसभा पहुंचेंगे और अपनी इस प्रमुख मांग को लेकर विधानसभा का घेराव कर धरना प्रदर्शन करेंगे