लालबर्रा-बालाघाट-रजेगांव मार्ग पर समय के साथ यातायात का दबाव बढ़ता जा रहा है नतीजा सड़क चौड़ीकरण नहीं होने और वाहनों की संख्या अत्याधिक बढ़ने की वजह से इस सड़क पर दुर्घटनाओं का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है।
जिले के भीतर हो रही सड़क दुर्घटना के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो इन दोनों सड़कों पर होने वाली सड़क दुर्घटनाएं जिले की बाकी सड़कों पर होने वाली दुर्घटनाओं से कहीं ज्यादा है। जिस कारण 108 एंबुलेंस को इस दोनों सड़कों पर बहुत अधिक व्यस्त रहना पड़ता है।
जिला अस्पताल से मिले आंकड़ों के अनुसार गर्रा रेलवे क्रॉसिंग शंकरघाट से लालबर्रा मेरे गांव के आगे तक और दूसरी और ग्रामीण थाना से रजेगांव चेक पोस्ट के बीच दोनों ही क्षेत्र में हर महीने लगभग 8 से 10 दुर्घटनाएं हो जाती है चाहे वह दो पहिया वाहन से हो या फिर फोर व्हीलर से।
जानकारों की मानें तो जब तक लालबर्रा से बालाघाट रजेगांव सड़क का चौड़ीकरण नहीं होता तब तक इस सड़क पर स्पीड ब्रेकर और वाहनों की स्पीड कम रखने के लिए यातायत विभाग द्वारा कोई अभियान चलाया जा सकता है। या फिर नियमों में सख्ती बरती जा सकती है नतीजा जिन स्थानों पर अधिक दुर्घटनाएं हो रही है वहां पर स्पीड ब्रेकर बनाने से दुर्घटनाओं के ग्राफ में कमी आएगी।
आपको बता दें कि लालबर्रा से बालाघाट तक मिरेगाव, कनकी, लवादा और बालाघाट-रजेगांव के मध्य ग्रामीण थाना चिखला अमराई, सालेटेका और नेवरगांव के पास सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं दर्ज की गई है।