लुप्त ब्लेकहोल से तीन साल बाद फिर जगमगाया आसमान, वैज्ञिनक भी हैरान

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आकाशगंगाओं के रहस्य की पड़ताल में लगे खगोलविदों ने एक बड़ा रहस्य उजागर किया है। एक छोटा तारा पृथ्वी से 66.5 करोड़ प्रकाश वर्ष दूर स्थित आकाशगंगा (गैलेक्सी) में एक ब्लैक होल के बहुत करीब जाने पर टुकड़ों में बिखर गया था। यह घटना खगोलविदों के लिए कोई आश्चर्य की बात नहीं थी, क्योंकि रात के आकाश को स्कैन करते समय उन्हें ऐसी घटनाओं अक्सर दिखती हैं। लेकिन इस घटना के तीन साल बाद भी, वह ब्लैक होल फिर से आसमान को रोशन कर रहा है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस ब्लैक होल ने कुछ नहीं निगला। हाल ही में किए गए शोध से पता चलता है कि ब्लैक होल अब प्रकाश की गति की आधी गति से यात्रा करने वाले मैटीरियल को बाहर निकाल रहा है। लेकिन यह पता नहीं चला है कि इसमें इतने सालों की देरी क्यों हुई।
एक जर्नल में प्रकाशित शोध के लेखक यवेटे सेंडेस का कहना है कि हम हैरान हैं। इससे पहले किसी ने भी ऐसा कुछ नहीं देखा था। उनका कहना है कि इस शोध के नतीजों से वैज्ञानिक ब्लैक होल के फीडिंग व्यवहार को बेहतर ढंग से समझ पाएंगे। सेंडेस इस व्यवहार की तुलना खाना खाने के बाद आई डकार से करते हैं।
टीम ने पिछले कुछ सालों में हुईं टाइडल डिसरप्शन की घटनाओं (टीडीई) की समीक्षा करते हुए कुछ असामान्य देखा। न्यू मैक्सिको में वेरी लार्ज एरे (वीएलए) के रेडियो डेटा से पता चला कि जून 2021 में, ब्लैक होल रहस्यमय तरीके से फिर से जीवित हो गया था। सेंडेस और उनकी टीम ने इस घटना की बारीकी से जांच की। टीम ने वीएलए, चिली की एलएमए ऑब्ज़रवेटरी, दक्षिण अफ्रीका की मार्केट, ऑस्ट्रेलिया के ऑस्ट्रेलियन टेलीस्कोप कॉम्पैक्ट ऐरे, चंद्रा एक्स-रे ऑब्ज़रवेटरी और अंतरिक्ष में नील गेहरल्स स्विफ्ट ऑब्ज़रवेटरी का इस्तेमाल करके, प्रकाश की कई वेवलेंथ में टीडीई- एटी 2018एचवाईजेड की जांच की और डेटा इकट्ठा किया।
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में एस्ट्रोनॉमी के प्रोफेसर और स्टडी के सहलेखक एडो बर्जर का कहना है कि हम एक दशक से भी ज्यादा समय से रेडियो टेलीस्कोप के साथ टीडीई का अध्ययन कर रहे हैं। हम कभी कभी लगता है कि वे रेडियो तरंगों में चमकते हैं, क्योंकि पहले ब्लैक होल उन्हें निगल लेता है और बाद में उसे उगलता है। लेकिन एटी2018एचवाईजेड में पहले तीन सालों तक रेडियो तरंगे मौन थीं, और अब यह अब तक के देखे गए सबसे ज्यादा रेडियो ल्यूमिनस टीडीई बन गया है।
स्पेस टेलीस्कोप साइंस इंस्टीट्यूट में पोस्टडॉक्टरल फेलो और पेपर के सह-लेखक सेबेस्टियन गोमेज़ का कहना है कि 2018 में जब उन्होंने पहली बार विज़िबल लाइट टैलिस्कोप से एटी2018एचवाईजेड का का अध्ययन किया, तब वह बहुत अनोखा था। गोमेज़ ने यह गणना करने के लिए सैद्धांतिक मॉडल का इस्तेमाल किया कि ब्लैक होल ने जिस तारे के टुकड़े-टुकड़े कर दिए थे, वह तारा हमारे सूर्य के द्रव्यमान का केवल दसवां हिस्सा था। टीडीई प्रकाश उत्सर्जित करने के लिए जाने जाते हैं। जैसे ही कोई तारा ब्लैक होल के पास आता है, गुरुत्वाकर्षण बल तारे को फैलाना शुरू कर देता है। आखिरकार, मैटीरियल ब्लैक होल के चारों ओर फैलकर गर्म हो जाता है। इससे एक फ्लैश बनती है जिसे खगोलविद लाखों प्रकाश वर्ष दूर से भी देख सकते हैं।
कुछ स्पेगेटीफाइड सामग्री कभी-कभी वापस अंतरिक्ष में चली जाती है। खगोलविद इसकी तुलना ब्लैक होल से करते हैं, जिनके बारे में कहा जाता है कि वे कुछ भी निगल सकते हैं। लेकिन उत्सर्जन, जिसे आउटफ्लो के तौर पर जाना जाता है, आमतौर पर टीडीई के बाद तुरंत विकसित होता है। सेंडेस कहते हैं कि ऐसा लगता है जैसे इस ब्लैक होल ने सालों पहले खाए गए तारे से कुछ मैटीरियल अचानक से बाहर उगल दिया है। मैटीरियल का आउटफ्लो प्रकाश की गति से 50 प्रतिशत तेजी से यात्रा कर रहा है। ज्यादातर टीडीई के आउटफ्लो प्रकाश की गति से 10 प्रतिशत तेजी से यात्रा करते हैं। बर्जर का कहना है कि ऐसा पहली बार है कि हमने निगलने और उगलने बीच इतनी देरी देखी है। अगला कदम यह पता लगाना है कि क्या यह वास्तव में नियमित रूप से होता है।

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