केंद्र की मोदी सरकार ने भारत में लैपटॉप के आयात पर बैन लगा दिया है। लैपटॉप बैन का फैसला 1 नवंबर 2023 से लागू हो रहा है। इस डेडलाइन के बाद किसी भी अन्य देश से भारत में लैपटॉप को आयात करने के लिए सरकार की इजाजत लेनी होगी। ऐसा माना जा रहा था कि लैपटॉप के आयात पर बैन लगान से देश में लैपटॉप की मैन्युफैक्चरिंग में तेजी आएगी। लेकिन ऐपल और सैमसंग जैसी कंपनियों ने मामले में पेंच फंसा दिया है। ऐसे में कहीं भारत का दांव उल्टा न पड़ जाए? आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से..
भारत सरकार ने लैपटॉप की लोकल मैन्युफैक्चरिंग के लिए लैपटॉप बनाने वाली कंपनियों के लिए पीएलआई स्कीम का ऐलान किया है। मतलब अगर आप भारत में लैपटॉप और कंप्यूटर का निर्माण करते हैं, तो सरकार आपको कुछ छूट देगी। इसके लिए 31 अगस्त तक आवेदन करना था। लेकिन ऐपल और सैमसंग जैसी कंपनियों की तरफ से पीएलआई स्कीम के लिए आवेदन नहीं किया गया है।
ऐपल और सैमसंग के पीएलआई स्कीम में हिस्सा नहीं लेने का मतलब है कि यह दोनों कंपनियां शायद भारत में अपने प्रोडक्ट के निर्माण को लेकर तैयार नहीं है। अगर ऐसा होता है, तो ऐपल और सैमसंग जैसी कंपनिया भारत में अपने लैपटॉप और कंप्यूटर की बिक्री 1 नवंबर के बाद नहीं कर पाएंगी। ऐसे में हो सकता है कि ऐपल और सैमसंग के लैपटॉप और कंप्यूटर की कीमत बढ़ जाए।