लोकसभा चुनाव के पहले होंगे सहकारिता चुनाव

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हाईकोर्ट के आदेश पर लगभग 5 साल बाद प्रदेश में सहकारिता चुनाव होंगे। इसे लेकर चुनाव कार्यक्रम जारी कर दिया है। इसके साथ ही जिले की 126 प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था समितियों में निर्वाचन का रास्ता साफ हो गया है। हाई कोर्ट ने अपने आदेश में पूरी चुनाव प्रक्रिया लोक सभा चुनाव के पहले पूरी करने के आदेश दिए हैं। जिसके चलते विभाग ने प्राथमिक साख सहकारी समितियां के चुनाव करने के आदेश जारी किए हैं जिन आदेशों के अनुसार बुधवार को सहायक आयुक्त सहकारिता सहायक पंजीयक सहकारी संस्थाएं कार्यालय में समितियो के चुनाव को लेकर एक आवश्यक बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में चुनाव संपन्न कराने सहित अन्य प्रक्रिया को लेकर विभागीय अधिकारियों कर्मचारियों ने विचार विमर्श किया ।जहां विभाग द्वारा तय किए गए कार्यक्रम के अनुसार यह चुनाव चार चरणों में पूरे करने को लेकर कार्य योजना बनाई गई है।

नियम 6 माह का, प्रशासक 5 वर्ष से समितियों में कर रहे राज
बताया जा रहा है कि सहकारी संस्थाओं के चुनाव करवाए जाने का म.प्र. सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 में प्रावधान है।जिले में 126 प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाएं पंजीकृत हैं। जहा सभी सहकारी संस्थाओं में निर्वाचन न होने से प्रशासक कार्यरत हैं। जबकि निर्वाचित संचालक मंडल के स्थान पर अधिनियम के अनुसार प्रशासन 6 माह की समयावधि के लिए ही नियुक्त किया जा सकता है। लेकिन लगभग 5 साल से चुनाव नहीं हो सके हैं। जिसके चलते जिले की 126 समितियो में पिछले पांच वर्षों से प्रशासक राज कर रहे हैं

12 प्रशासक सम्भाल रहे 126 समितियों का कार्य
आपको बताएं कि बालाघाट जिला कृषि प्रधान जिला है जहां 126 प्राथमिक साख सहकारी समितियां हैं। जिन समितियां में पिछले 5 वर्षों से चुनाव नहीं हो पाए थे। जहां वर्ष 2014 में चुनाव होने के बाद वर्ष 2018 में समितियो का चुनाव होना था। लेकिन इसके आदेश मप्र शासन सहकारिता विभाग द्वारा जारी नहीं किए गए थे। जहां वर्ष 2018 से लेकर 2023 के अंत तक चुनाव नहीं हो सके। जिसके चलते इन 5 वर्षों में जिले की 126 समितियो का कार्यभार 12 प्रशासक संभाल रहे हैं। बताया जा रहा है कि किसी प्रशासक को 8 से 10, तो किसी प्रशासक को 10 से 15 समितियो का प्रभार सौपा गया है।जिसके चलते ना तो ठीक से समितियो के कार्य हो पा रहे हैं और ना ही ठीक से कार्यालय का कामकाज चल पा रहा है। वही 8 से 10 समितियो का प्रभार एक प्रशासक के पास होने के चलते कार्य करने में भी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इन्हीं सभी बातों को देखते हुए हाईकोर्ट ने समितियो के चुनाव कराने का फैसला दिया है जिसके चलते सहकारिता विभाग द्वारा चार चरणों में चुनाव संपन्न करने के आदेश जारी किए गए हैं जिसकी तैयारी इन दिनों जोरों पर है।

यह है चुनाव कार्यक्रम
8 जनवरी – संस्था द्वारा सदस्यता सूची का प्रदाय
9 जनवरी – सदस्यता सूची का प्रकाशन
16 जनवरी – सदस्यता सूची पर आपत्ति प्राप्त करना
17 जनवरी- प्राप्त आपत्तियों का निराकरण एवं अंतिम सदस्यता सूची का प्रकाशन
18 से 20 जनवरी – अपीलीय अधिकारी के समक्ष अपील प्रस्तुत करना
27 जनवरी – अपील निराकरण की अंतिम तिथि
28 जनवरी – राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकारी को अंतिम सूची प्रस्तुत करना
30 जनवरी – महिला पदों के विनिश्चय के लिए संचालक मंडल की बैठक की सूचना देना
2 फरवरी – महिला पदों के विनिश्चय के लिए संचालक मंडल की बैठक
5 फरवरी – आमसभा की सूचना एवं निर्वाचन कार्यक्रम जारी करना
12 फरवरी – नामांकन पत्र प्रस्तुत करना
13 फरवरी – नामांकन पत्रों की जांच एवं वैध नामांकन पत्रों की सूची का प्रकाशन
14 फरवरी – नामांकन वापसी, चुनाव लडऩे वाले उम्मीदवारों की सूची का प्रकाशन व चुनाव चिन्हों का आवंटन
19 फरवरी – विशेष साधारण सम्मेलन में मतदान एवं मतगणना की तिथि
21 फरवरी – रिक्त स्थानों का सहयोजन, अध्यक्ष व उपाध्यक्ष एवं अन्य संस्थाओं में भेजे जाने वाले प्रतिनिधियों के चुनाव की सूचना जारी करना
24 फरवरी – अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं अन्य संस्थाओं में भेजे जाने वाले प्रतिनिधियों का निर्वाचन

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