नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब दे रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति जी के भाषण ने भारत की संकल्प शक्ति को प्रदर्शित किया। उनके शब्दों ने भारत के लोगों में आत्मविश्वास की भावना को बढ़ाया है। राष्ट्रपति के भाषण पर चर्चा के दौरान बड़ी संख्या में महिला सांसदों ने हिस्सा लिया। यह एक महान संकेत है। मैं उन महिला सांसदों को बधाई देना चाहता हूं जिन्होंने सदन की कार्यवाही को अपने विचारों से समृद्ध किया।
हम आजादी के 75 साल के दरवाजे पर दस्तक दे रहे हैं। यह हर भारतीय के लिए गर्व की बात है और आगे बढ़ने का अवसर है। हम किसी भी कोने में हों या समाज के किसी भी तबके से हों, लेकिन हमें एक नया संकल्प करना चाहिए कि हम भारत को आजादी के 100 साल पर कहां ले जाना चाहते हैं। आजादी के 75 साल के पूरा होने के पर्व पर हम यह प्रेरणा लें कि 2047 तक देश को कहां ले जाना है?
दुनिया ने 2 विश्व युद्ध देखे हैं। दूसरे विश्व युद्ध के बाद पूरे विश्व की व्यवस्था में परिवर्तन आया। इसी तरह, कोविड संकट के बाद एक नई विश्व व्यवस्था बन रही है। आत्मनिर्भर भारत दुनिया में भारत को एक महत्वपूर्ण शक्ति बनाएगा। देश जब आजाद हुआ तो आखिरी ब्रिटिश कमांडर यही कहते रहते थे कि भारत कई देशों का महाद्वीप है, कोई भी इसे एक राष्ट्र नहीं बना पाएगा। परंतु भारतवासियों ने इस आशंका को तोड़ा। आज हम विश्व के सामने एक राष्ट्र के रूप में खड़े हैं और विश्व के लिए एक आशा की किरण हैं। कोरोना काल में भारत ने जिस प्रकार से अपने आपको संभाला और दुनिया को संभालने में मदद की, वो एक प्रकार से ‘टर्निंग प्वाइंट’ है।
कोरोना काल के बाद एक नई विश्व व्यवस्था बनती नजर आ रही है, जिसमें भारत विश्व से कटकर नहीं रह सकता, हमें भी एक मजबूत पक्ष के रूप में उभरना होगा, सशक्त होना पड़ेगा और इसका रास्ता ‘आत्मनिर्भर भारत’ है। कोरोना के सामने दुनिया के बड़े-बड़े देशों ने घुटने टेक दिए, ऐसे समय में 130 करोड़ देशवासियों के अनुशासन और समर्पण ने आज हमें बचाकर रखा है, 130 करोड़ देशवासियों को श्रेय जाता है। प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस नेता मनीष तिवारी की एक टिप्पणी का उल्लेख करते हुए लोकसभा में कहा कि भगवान की कृपा थी कि दुनिया हिल गई, लेकिन भारत बच गया, स्वास्थ्यकर्मी, सफाईकर्मी भगवान का रूप बनकर आए।