मध्यप्रदेश शासन द्वारा शासकीय अमले पर नकेल कसने और बेहतर कार्य योजना बनाने के नाम पर 20-50 के फार्मूले को लागू किए जाने की योजना बनाई जा रही है। इसी कड़ी में वन विभाग में भी यह आदेश आया। जिस पर अमल करते हुए कुछ कर्मचारियों की छटनी किए जाने के नाम भोपाल तक भेज दिए गए हैं। अब वन विभाग के कर्मचारी संगठन ऐसे आदेश के विरोध में आंदोलन करने की रूपरेखा बना रहा।
ऐसी कर्मचारियों की छंटनी करने के लिए शासन द्वारा स्वास्थ्य और सियार को आधार बनाया जा रहा है। इसमें देखा जा रहा है कि कौन से कर्मचारी ऐसे हैं जिनकी उम्र 50 के पार हो चुकी है और लंबे समय से मेडिकल अवकाश पर रहते हैं या फिर ऐसे कर्मचारी जिनकर्मचारी संगठन के अध्यक्ष तो यहां तक आरोप लगाते हैं कि सरकार की नीयत वन विभाग को निजीकरण करने की है। वह बकायदा इस बात के प्रमाण भी देते हैं कि किस तरह सरकार निजीकरण की ओर जा रही है, वे कहते हैं कि पूरा जीवन विभाग के लिए दिया है। अब ऐसे समय में विभाग उन्हें अपनी नौकरी से बेदखल कर देगा यह उन्हें मंजूर नहीं।की सेवाकाल के दौरान सियार बुरी तरह से खराब रही हो।