हाई कोर्ट में वरिष्ठ वकील बनने के लिए 28 फरवरी से साक्षात्कार (इंट्रेक्शन) शुरू हो रहे हैं। इस बार ग्वालियर से बड़ी संख्या में वरिष्ठ वकील बनने के लिए आवेदन किए गए थे, लेकिन शहर के 12 वकीलों को ही साक्षात्कार के लिए जबलपुर बुलाया गया है। हाई कोर्ट ने पहली बार साक्षात्कार रखा है। मार्च के पहले सप्ताह तक साक्षात्कार चलेगा। जबलपुर में तीन वरिष्ठ जज साक्षात्कार लेंगे। बैंच की ओर से बार के वकीलों को वरिष्ठता सम्मान के रूप में दी जाती है।
अभी तक मध्य प्रदेश हाई कोर्ट स्वयं से ही वरिष्ठ वकील तय कर देता था, लेकिन इस बार वरिष्ठ वकील बनने के लिए आवेदन मांगे गए थे। जिनके आवेदन कोर्ट के पास पहुंचे थे, उनमें से वकीलों के नामों की छटनी कर वेबसाइट पर अपलोड किए गए थे। उम्मीद थी कि इस बार वरिष्ठता की पदवी मिल जाएगी, लेकिन इस बार कोर्ट ने साक्षात्कार रखा है। तीन जज वकीलों से रूबरू होंगे। कोर्ट के गलियारों में वरिष्ठ वकीलों के लिए होने वाले साक्षात्कार को लेकर चर्चाएं हो रही हैं। वरिष्ठ वकील बनने की भी एक योग्यता निर्धारित है। उसका एक प्रोफार्मा है, जिसे वकील को भरकर देना होता है। इस प्रोफार्मा में वकील को अपनी आय बतानी होती है। साथ ही वे कितने जूनियर हैं, उनके रिपोर्टेबल जजमेंट कितने हैं, उनका व्यवहार कैसा है। इसके साथ ही वकालत का अनुभव भी बताना होता है।
इसलिए अहम है वरिष्ठ वकील बनना
-हाई कोर्ट जिन वकीलों को वरिष्ठ का सम्मान देता है, उन्हें केस में अपना वकालतनामा लगाने की जरूरत नहीं होती है। किसी भी केस में वरिष्ठ वकील कोर्ट को असिस्ट कर सकता है। महत्वपूर्ण केसों में हाई कोर्ट को वरिष्ठ वकीलों की मदद लेनी पड़ती है।
-इनके गाउन का डिजाइन बदल जाता है। वे गाउन खुद लेकर नहीं चलते हैं। एक जूनियर साथ रहता है। वरिष्ठ वकीलों की हाई कोर्ट में अलग से व्यवस्था रहती है।
-वकील चाहे जितनी प्रैक्टिस कर ले, लेकिन उसे हाई कोर्ट ने वरिष्ठता की पदवी नहीं दी है तो वह वरिष्ठ नहीं लिख सकता है। वरिष्ठ वकील उन्हीं को कहा जाता है, जिन्हें हाई कोर्ट ने सम्मानित किया हो।
वर्जन-
बैंच की ओर से वकीलों को वरिष्ठ बनाना एक सम्मान है। 12 वकीलों ने इसके लिए आवेदन किए हैं। इसके लिए वे इंटरव्यू के लिए जबलपुर जा रहे हैं।