अभी तक शहर में नगर पालिका द्वारा करवाए गए कामों को लेकर ही सवाल उठाते थे कि नगर पालिका द्वारा करवाए जाने वाले निर्माण कार्यों में गुणवत्ता नहीं है या फिर नगर पालिका शहर को साफ सुथरा नहीं रख पा रही है या जो भी प्रशासनिक अधिकारी आ रहे हैं वह इस बार बैठी नगर पालिका परिषद के साथ उनका सामंजस नहीं बैठ पा रहा है किंतु अब देखने को यह भी मिल रहा है कि सदियों से चले आ रहे नियम एवं परंपराओं को भी अब नगर पालिका के द्वारा तोड़ा जाने लगा है ताजा मामला शिक्षक दिवस पर होने वाले कार्यक्रम आयोजन में गुरुजनों के सम्मान समारोह का है इसके पूर्व वर्षों से चली आ रही परंपरा थी कि महात्मा गांधी नगर पालिका स्कूल में 5 सितंबर शिक्षक दिवस के दिन नगर पालिका यहां के शिक्षकगणों का शाल श्रीफल से सम्मान करती थी एवं इस बार यह सुनिश्चित हुआ था परिषद की बैठक में की आने वाले 5 सितंबर को नगर पालिका स्कूल में एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा किंतु भव्य कार्यक्रम तो आयोजित नहीं हुआ किंतु नगर पालिका द्वारा चली आ रही वर्षों की परंपरा को तोड़ते हुए शिक्षक दिवस पर गुरुजनों का सम्मान तक नहीं किया गया
आपको बता दे की शहर में संचालित होने वाली महात्मा गांधी नगर पालिका स्कूल में हर वर्ष नगर पालिका द्वारा महात्मा गांधी स्कूल के शिक्षकों का शाल श्रीफल से सम्मान किया जाता था किंतु जब से यह परिषद बैठी है तब से ही यह चली आ रही वर्षों की परंपरा बंद हो गई है जबकि अभी कुछ दिन पहले ही हुई परिषद की बैठक में यह प्रस्ताव पारित कर या निर्णय लिया गया था कि महात्मा गांधी स्कूल को 100 वर्ष पूर्ण होने पर इस बार शिक्षक दिवस 5 सितंबर को यहां से निकले सभी शिक्षक एवं उच्च पदों पर आसीन अधिकारियों का शाल श्रीफल देकर सम्मान भव्य स्तर पर यह कार्यक्रम को मनाया जाएगा किंतु भव्य स्तर तो दूर इस बार नगर पालिका द्वारा महात्मा गांधी स्कूलों में ना ही शिक्षकों का सम्मान किया गया और ना ही शिक्षक दिवस मनाने के लिए महात्मा गांधी स्कूल में पहुंच गय जिसे देखते हुए ऐसा लग रहा है मानो जैसे वर्षों से चली आ रही परंपराएं अब धीरे-धीरे इस बार की बैठी परिषद एवं नगर पालिका के द्वारा बंद कर दी जाएगी
इसके पूर्व में धूमधाम के साथ मनाया जाता था शिक्षक दिवस-
इस नगर पालिका परिषद के पूर्व जो परिषद बैठी थी भले ही वह भी सत्ताधारी पार्टी के ही परिषद थी किंतु उसे समय हर वर्ष 5 सितंबर को नगर पालिका स्कूल के शिक्षकों का नगर पालिका के द्वारा शाल श्रीफल से सम्मान किया जाता था एवं वर्षों से यह परंपरा चली आ रही थी और यहां नगर पालिका अध्यक्ष आकर स्कूल परिवार के साथ शिक्षक दिवस मानते थे
पहली बार भी नहीं किया गया था शिक्षकों का सम्मान-
इस परिषद के बैठे पहली बार 2022 में जब 5 सितंबर के दिन शिक्षक दिवस मनाया गया था तब भी नगर पालिका के द्वारा शिक्षक दिवस के दिन शिक्षकों का सम्मान नही किया गया था एवं नवनियुक्त बनी नगर पालिका अध्यक्ष द्वारा महात्मा गांधी स्कूल में पहुंचकर यह कह दिया गया था कि वह पहली बार अध्यक्ष बने हैं उन्हें जानकारी नहीं है कि किस प्रकार से नगर पालिका स्कूल में कार्यक्रम आयोजन होते हैं तब शाला परिवार द्वारा शिक्षक दिवस के दिन ही अध्यक्ष महोदय का शाल श्रीफल से किया गया था सम्मान
अपना सम्मान करने के लिए थोड़ी ना किसी से रिक्वेस्ट करेंगे-
जब हमारे द्वारा नगर पालिका महात्मा गांधी स्कूल के प्राचार्य शैलेंद्र रागडाले से दूरभाष पर चर्चा की गई तो उनके द्वारा बताया गया कि उनकी स्कूल में आज बच्चों के द्वारा स्कूल के गुरुजनों का सम्मान किया गया किंतु जिस प्रकार से वर्षों से स्कूल में नगर पालिका के द्वारा जो कार्यक्रम आयोजित किए जाते थे एवं शिक्षकों का जो सम्मान किया जाता था वह नहीं किया गया और ना ही नगर पालिका से कोई स्कूल पहुंचा था अब यदि हम स्वयं ही अपना सम्मान करने के लिए उनसे रिक्वेस्ट नही कर सकते इसलिए हमारे द्वारा नगर पालिका को इस विषय में कुछ नहीं कहा गया है अब उनके द्वारा यह क्यों नहीं किया गया यह तो वही बता सकते हैं
इसका जवाब तो नगर पालिका की अध्यक्ष ही दे सकते हैं- सरिता सोनेकर
जब हमारे द्वारा नगर पालिका की महिला बाल विकास समिति की सभापति सरिता सोनेकर से चर्चा की गई तो उनके द्वारा बताया गया कि उनके द्वारा एक परिषद की बैठक में प्रस्ताव रखा गया था की आने वाले 5 सितंबर को नगर पालिका में नगर पालिका स्कूल के 100 वर्ष पूर्ण होने पर यहां से निकले सभी वरिष्ठ शिक्षक एवं गुरुजनों का भव्य आयोजन कर सम्मान समारोह किया जाएगा किंतु आज नगर पालिका द्वारा क्यों यह कार्यक्रम को नहीं किया गया इस विषय में वह कुछ नहीं बता सकती इसका जवाब तो नगर पालिका की अध्यक्ष ही दे सकते हैं जब हमारे द्वारा उनसे पूछा गया कि इस विषय पर उनके द्वारा नगर पालिका अध्यक्ष से चर्चा की गई या नहीं तब उन्होंने बताया कि उनके द्वारा इस विषय को लेकर नगर पालिका अध्यक्ष को फोन किया गया था किंतु उनका नंबर बंद आ रहा था और उन्होंने यह भी बताया कि इस वर्ष उनके द्वारा क्यों नहीं किया गया यह तो उन्हें नहीं पाता किंतु हर वर्ष नगर पालिका के द्वारा यह कार्यक्रम को भव्य रूप से मनाया जाता था और उनके द्वारा इस हुई गलती के लिए शहर के सभी गुरुजनों से क्षमा भी मांगा गया है
एक स्कूल में गुरुजनों का सम्मान तो दूसरे स्कूल में नहीं किए गए गुरुजनों को याद-
देखा जाए तो महात्मा गांधी नगर पालिका स्कूल से लगी अन्य स्कूलों में सत्ताधारी पार्टी के ही पदाधिकारी एवं स्वयं नगर पालिका अध्यक्ष द्वारा 5 सितंबर पर शिक्षक दिवस कार्यक्रम को भव्य रूप से मनाया गया गया एवं स्कूलों के शिक्षक सहित वरिष्ठ गुरुजनों पांव धुलाकर उनका आदर सत्कार किया गया तो वही स्कूल से लगी स्कूल महात्मा गांधी स्कूल के गुरुजनों को ना ही याद किया गया और ना ही उसे स्कूल में जाकर वहां के गुरुजनों को ना सम्मान किया गया और न किसी जनप्रतिनिधि या नगर पालिका अध्यक्ष द्वारा बधाई संदेश तक नहीं दी गई यह किस प्रकार का जनप्रतिनिधियों द्वारा शिक्षक दिवस एवं गुरुजनों का सम्मान किया जा रहा है यह तो समझ के पार है कि एक ओर एक स्कूल के शिक्षकों को चरण वंदन कर शाल श्रीफल दिए जाते हैं तो वहीं स्कूल से लगी स्कूल के शिक्षकों को बधाई तक नहीं दी जाती और वर्षों से चली आ रही परंपरा को नगरपालिका द्वारा तोड़ दिया जाता है