वारासिवनी(पद्मेश न्यूज)। नगर के जय स्तंभ चौक पर कलेक्टर मृणाल मीणा के द्वारा वारासिवनी जनपद पंचायत अध्यक्ष श्रीमती माया उइके का निर्वाचन अमान्य व शून्य घोषित करने पर कांग्रेसियों के द्वारा पटाखे फ ोड़ कर खुशियां मनाई गई। इसमें जनपद अध्यक्ष श्रीमती माया उइके के जाति प्रमाण पत्र एवं नाम निर्देशन पत्र भरने को लेकर जिला कलेक्टर के न्यायालय में प्रकरण जारी था। मामले में जिला कलेक्टर मृणाल मीणा के द्वारा ५ जून को आदेश जारी कर वारासिवनी जनपद अध्यक्ष माया उइके का निर्वाचन अमान्य व शून्य घोषित कर दिया गया। वहीं जनपद पंचायत वारासिवनी को अग्रिम कार्यवाही करने के लिए निर्देशित किया है। विदित हो की श्रीमती माया उइके जनपद क्षेत्र क्रमांक १ से जनपद सदस्य के रूप में निर्वाचित हुई थी । जिनके द्वारा जनपद अध्यक्ष के रूप में कार्य किया जा रहा था। यह पद अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित था जिसमें जाति प्रमाण पत्र एवं नाम निर्देशन पत्र के समय दिए हुए शपथ पत्र को लेकर जनपद पंचायत क्षेत्र कायदी से निर्वाचित जनपद सदस्य जितेंद्र सिंह राजपूत के द्वारा जिला कलेक्टर कार्यालय में आवेदन लगाया गया था। जिस पर जिला कलेक्टर के द्वारा फैसला दिया गया है।
आतिशबाजी कर मनाई गई खुशियां
नगर के जय स्तंभ चौक पर जनपद सदस्य जितेंद्र सिंह राजपूत के द्वारा कांग्रेस जनों की उपस्थिति में जमकर आतिशबाजी की गई। जिसमें हवाई फ ायर और पटाखे की लड़ी जलाकर खुशियां व्यक्त की गई। इस अवसर पर अनिल पिपरेवार, गगन बिसेन, राजकुमार चौधरी, अनीश बेग सहित अन्य कांग्रेसी मौजूद रहे।
जनपद सदस्य जितेंद्र सिंह राजपूत ने की थी मामले की शिकायत
म.प्र. पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम १९९३ की धारा ३६/४० सहपठित धारा ९२ मध्यप्रदेश के तहत् जनपद पंचायत क्षेत्र के ०१ के निर्वाचन क्षेत्र का एक मामला जिला दंडाधिकारी प्रकरण प्रचलित था। इस मामलें में गुरुवार को जिला दंडाधिकारी मृणाल मीना ने निर्णय दिया है। ज्ञात हो कि आलेझरी के जितेंद्र सिंह पिता दर्शन सिंह ने जनपद अध्यक्ष माया उइके का जनपद पंचायत वारासिवनी के पद पर हुआ निर्वाचन को अवैध एवं शून्य घोषित करते हुए पद से पृथक किये जाने के लिए आवेदन प्रस्तुत किया गया है। इनके द्वारा मुख्य रूप से उल्लेख किया गया है कि वर्ष २०२२ में मध्यप्रदेश शासन द्वारा त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों की घोषणा के पश्चात जनपद पंचायत वारासिवनी के क्षेत्र क्रमांक १ से अनावेदिका श्रीमती माया उइके पति दिनेश कुमार उइके निवासी ग्राम नांदगांव पोस्ट कीचेवाही तहसील वारासिवनी के द्वारा नाम निर्देशन पत्र प्रस्तुत किया गया। मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम के अंतर्गत निर्धारित प्रावधानों के अनुसार कलेक्टर जिला बालाघाट के द्वारा निर्वाचन क्षेत्रवार आरक्षण संबंधी अधिसूचना जारी की गई। जिसके अनुसार जनपद पंचायत वारासिवनी के क्षेत्र क्रमांक १ को अनुसूचित जनजाति महिला वर्ग के लिए आरक्षित घोषित किया गया। आवेदन में यह आरोपित किया गया है कि अनावेदिका द्वारा रिटर्निंग अधिकारी को नाम निर्देशन पत्र के साथ आवश्यक जाति प्रमाण पत्र संलग्र नहीं किया गया। अपित्तु एक झूठे शपथ पत्र के माध्यम से स्वयं को अनुसूचित जनजाति वर्ग का सदस्य दर्शाते हुए चुनाव में भाग लिया गया तथा विजय प्राप्त की गई। इस संदर्भ में यह निवेदन किया गया है कि क्षेत्र क्रमांक १ जनपद पंचायत वारासिवनी के सदस्य के रूप में तथा उस आधार पर अध्यक्ष जनपद पंचायत वारासिवनी के रूप में अनावेदिका का निर्वाचन अमान्य एवं शून्य घोषित किया जाए।
इस नियम के तहत जिला कलेक्टर ने की कार्यवाही
जिला कलेक्टर व दंडाधिकारी श्री मीना ने म.प्र.पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम १९९३ की धारा ३६ २ क के प्रावधानों के अनुसार अनावेदिका उक्त पद धारण करने के लिए पात्र नहीं माना। न्यायालय यह घोषित करता है कि अनावेदिका श्रीमती माया उइक़े का निर्वाचन जनपद पंचायत वारासिवनी के क्षेत्र क्रमांक १ के सदस्य के रूप में एवं तत्पश्चात अध्यक्ष जनपद पंचायत वारासिवनी के पद पर विधिसम्मत अर्हताओं के अभाव वश मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम १९९३ की धारा ३६/३ के अंतर्गत निर्हरता के कारण अमान्य एवं शून्य घोषित किया जाता है। तदानुसार उक्त पदों को आदेश पारित होने की तिथि से रिक्त घोषित किया जाता है। साथ ही संबंधित प्राधिकारी को निर्देशित किया जाता है कि वह इन रिक्तियों के परिप्रेक्ष्य में पंचायत निर्वाचन नियमों के अंतर्गत आवश्यक वैधानिक कार्यवाही संपादित करें।
हम असली आदिवासी को जनपद पंचायत अध्यक्ष बनायेंगे -जितेंद्र सिंह राजपूत
जनपद सदस्य जितेंद्र सिंह राजपूत ने बताया कि जनपद पंचायत क्षेत्र क्रमांक १ एवं जनपद अध्यक्ष का पद आदिवासी वर्ग के लिए आवंटित था। जिसमें भाजपा के लोगों ने नकली आदिवासी को बैठाल कर आदिवासियों का शोषण किया था। इस विषय में हमारे द्वारा लड़ाई लड़ी गई अब असली आदिवासी को हम अध्यक्ष बनेंगे । महाराष्ट्र में यह अनुसूचित जाति में आते हैं परंतु इन्होंने यहां पर अपनी जाति छुपा कर चुनाव लड़ा वह भी स्वयं को अनुसूचित जनजाति का बताकर जनपद सदस्य का पद प्राप्त किया और फि र अध्यक्ष का भी पद प्राप्त कर लिया। जिसमें जिला कलेक्टर के द्वारा निर्णय देते हुए चुनाव शून्य घोषित कर दिया गया है।