वारासिवनी : थानेगांव-सिराटोला मार्ग पर चलना हुआ दुश्वार शासन-प्रशासन के खिलाफ ग्रामीणों में पनप रहा आक्रोश

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वारासिवनी(पद्मेश न्यूज)। वारासिवनी क्षेत्र के ग्राम थानेगांव के सिराटोला पहुंच मार्ग की हालत  खराब हो गई है। जिसमे सिराटोला से डोंगरगांव मार्ग और सिराटोला से गर्रा मार्ग करीब १० किलोमीटर के मार्ग हैं जो बुरी तरह कीचड़ से लथपथ हो गए हैं जिस पर  ग्रामीणो का चलना तक दूभर हो गया है।  ग्रामीणजन अति आवश्यक कार्यों के लिए ही  घरों से बाहर निकल कर अपने कार्यों पर जा रहे हैं क्योंकि मार्ग में जो कीचड़ है उसमें पैर और मोटर साइकिल के चक्के तक फ स रहे हैं जिससे ग्रामीणजन बेहद परेशान हो गए हैं और  ग्रामीणों के अंदर उक्त मार्ग को लेकर शासन के खिलाफ  भारी आक्रोश व्याप्त है। क्योंकि यह तीनों मार्ग दूसरे ग्रामों को सिराटोला से जोड़ते हैं उन्हें वारासिवनी में आने के लिए आसानी होती है पर यह मार्ग कई वर्षों से ऐसे ही पड़े  हुए थे । जिनको बीते करीब ढाई वर्ष पूर्व शासन के द्वारा मार्गो का डामरीकरण करने के स्वीकृत किया गया था जिसका  लगभग २ वर्ष पूर्व भूमि पूजन कर मार्ग का निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया था । परंतु वर्तमान तक किसी प्रकार से मार्ग पर संतोषजनक कार्य नहीं किया गया है केवल रोड पर मिट्टी बिछा दी गई थी जो बरसात में दलदल का रूप धारण कर चुकी है। ग्रामीणों ने बताया कि इन चारों मार्ग का निर्माण ना होने से ग्राम के लोगों को अनेकों प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि यह मार्ग अत्यंत आवश्यक है जिसमें बरसात के कारण बहुत ज्यादा कीचड़ बना हुआ है और आवागमन करने में लोगों के पैर मोटर साइकल और जीप कार के टायर मिट्टी में  फ स रहे हैं  जिससे रास्ते पर चलना मुश्किल हो गया है। इस मार्ग पर ग्रामीणों की अधिकतर खेती की जमीन है जहाँ वर्तमान में खेती कार्य चल रहा है तो सबसे ज्यादा दिक्कत किसानों को ही हो रही है की उन्हें इस मार्ग से बार बार जाना आना पड़ रहा है ।   जिसके लिए ग्रामीणों के द्वारा कई बार जनप्रतिनिधियों से मुलाकात कर उक्त मार्ग की ओर ध्यानाकर्षण कराया गया है पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि यह मार्ग पीडब्ल्यूडी का है जिनके अधिकारियों से चर्चा की जाती है तो किसी प्रकार का संतोषजनक जवाब नहीं देते हैं केवल यह कहते हैं कि काम चालू है जल्दी रोड बन जाएगा । पर २ साल बीत जाने के बाद भी सिर्फ  रोड़ों पर मुरूम की जगह मिट्टी डालकर गांव के लिए समस्या खड़ी कर दी गई है और उसके बाद से ठेकेदार अधिकारी कर्मचारी सभी नदारद है। इसलिए शासन से मांग है कि इस मार्ग पर विशेष ध्यान देकर तत्कालीन व्यवस्था कर कार्यों को पूर्ण कराएं जिससे कि ग्रामीणों को होने वाली दिक्कतों से उन्हें छुटकारा मिल सके।
१९ वीं शताब्दी की रोड २१ वीं शताब्दी में देख रहे हैं ै-लिखनलाल बैस
पदमेश से चर्चा में पूर्व सरपंच लिखनलाल बैस ने बताया कि हमारे गांव में सभी तरफ  से आवागमन कीचड़ के कारण बंद हो गया है और १९ वीं शताब्दी की रोड हम इस २१ वीं शताब्दी में देख रहे हैं शायद ही बालाघाट जिले में ऐसी कोई रोड होगी। आवागमन करने में बहुत परेशानी है दूध वाले हो बच्चे हो स्कूल जाते हैं शिक्षक आते हैं और गांव के लोग भी अपने अपने कार्यों में आते जाते हैं इस प्रकार सभी प्रकार की परेशानी है। श्री बैस ने बताया कि मार्ग के जल्द निर्माण की मांग पर चर्चा किए थे तो ठेकेदार कहते हैं कि शासन से रुपए नहीं आए इसलिए काम बंद है। ग्रामीण इसी मार्ग से अभी भी आना जाना कर रहा है क्योंकि कोई माध्यम नहीं है और हम शासन को बताने का प्रयास कर रहे हैं कि कुछ तो ठीक स्थिति करें ताकि यह रोड का जल्द निर्माण हो या वैकल्पिक व्यवस्था करें।
लोग घरों से बाहर नहीं निकले है  चारों तरफ  मार्ग अवरुद्ध हैं- डुलीचंद गौतम
डुलीचंद गौतम ने बताया कि २ वर्ष हो गए हैं रोड बन रही है पिछले वर्ष भी यही स्थिति थी ग्राम के लोग डोंगरगांव मार्ग जंगल मार्ग और महाराजपुर मार्ग से कहीं भी नहीं जा पा रहे हैं क्योंकि गांव की बहुत स्थिति बदहाल है। पैदल चलने पर घुटना भर पैर कीचड़ में खप जाता है करीब १ माह हो गया है लोग घरों से बाहर नहीं निकले है क्योंकि चारों तरफ मार्ग अवरुद्ध है। श्री गौतम ने बताया कि आज पानी नहीं आया तो कीचड़ थोड़ा सुखा हुआ है वरना खड़े नहीं रह सकते और सुनने में आया है कि इस मार्ग का निर्माण करीब ५ करोड रुपए की लागत से होना है पर ५०००० रुपये का अभी काम नहीं हुआ है। केवल मट्टी डाल कर चले गए हैं जिससे अब दिक्कत हो रही है परंतु हमारी मजबूरी है तो गिरते पढ़ते जाते हैं और ट्रैक्टर वाले बल्ली फ ंसा कर आवागमन करते हैं।
रोड नहीं बनी तो उग्र आंदोलन किया जायेगा -केशव बैस
केशव बैस ने बताया कि गांव में समस्या बहुत है सब दिख रहा है बच्चे बड़ों का आना जाना दूर्गम हो गया जबकि इसका भूमि पूजन २ वर्ष पूर्व हुआ था यह डामर मार्ग बनने वाला है जो थानेगांव से सिराटोला,डोंगरगांव सिराटोला से महाराजपुर तक का है पर कुछ नहीं हुआ है। जिसमें ठेकेदार ने कुछ दिन काम किया गया उसके बाद काम बंद है यहां पर मुरूम डाली जानी थी पर मिट्टी डाल रहे थे तो उसका भी विरोध किया गया परंतु उनके द्वारा मनमानी की गई है। श्री बैस ने बताया कि उक्त संबंध में अपने नेताओं से चर्चा की है और अधिकारियों से चर्चा की तो उनके द्वारा कोई सटीक जवाब नहीं मिला है। मार्ग स्वीकृत हुआ भूमि पूजन हुआ काम चालू हुआ तो मार्ग का निर्माण पूर्ण करना था अभी मुख्य समस्या बरसात होने पर पूरा आवागमन बंद हो जाता है कोई कहीं नहीं जाता है। श्री बैस ने कहा कि अगर शासन के द्वारा कोइ वैकल्पिक व्यवस्था नही बनाई जाती है तो ग्रामीणों के द्वारा उक्त मार्ग पर उग्र आंदोलन किया जायेगा।
मार्ग पर चलना हुआ दूभर-संतकुमार चावले
संत कुमार चावले ने बताया कि अभी खेती का कार्य चल रहा है और गांव के अधिकांश लोगों की खेती महाराजपुर  डोंगरगांव और गर्रा मार्ग पर है जहां पर जाने के लिए उन्हें कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है । श्री चावले ने बताया कि अभी खेती में बहुत काम है सोडा फेंकना है पराह चालू है जिसके लिए समस्या के बावजूद लोग आना जाना कर रहे हैं। यदि कभी डिलीवरी वाली बाई को शहर ले जाना हो तो ग्रामीणों को उसकी व्यवस्था करनी होगी क्योंकि वाहन अंदर नहीं जा सकते हैं ऐसी बहुत समस्या है इसलिए मांग है की तत्काल मार्ग पर वैकल्पिक व्यवस्था कर मुरूम  डालकर व्यवस्था करें। 
इनका कहना है

क्षेत्र की १५ सडक़े प्लान मे है लगातार कोरोना के चलते कार्य प्रभावित हुआ है शासन से ठेकेदार को पैसा नही मिलने के कारण कार्य रूका हुआ है पहली बार ऐसा हुआ है कि जो रोड़ या भवन स्वीकृत या प्लान मे होने के बावजूद नही बनी है।  क्षेत्र की सडक़े एवं भवन के लिये सीएम शिवराजसिंह चौहान से बात हुई है कि राशि स्वीकृत की जायें, साथ ही पीडब्लूडी मंत्री से भी क्षेत्र की अन्य सडक़े और भवन के बारे मे चर्चा की जायेगी।
प्रदीप जायसवाल
विधायक ,खनिज विकास निगम अध्यक्ष 

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