वारासिवनी : निर्माण कार्य में तकनीकी मापदंडों के विरूध्द हो रहा कार्य

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खैरलांजी जनपद पंचायत  अंतर्गत ग्राम पंचायत घोटी में तकनीकी मापदंडों को दरकिनार कर निर्माण कार्य किए जाने का मामला सामने आया है। इस ओर ना ग्राम पंचायत ध्यान दे रही है और न तकनीकी अधिकारी। इससे इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि तकनीकी अमले द्वारा आखिर किस प्रकार से निर्माण कार्यों की मॉनिटरिंग की जाती है।  ग्राम पंचायत के सरपंच और सचिव को  तकनीकी मार्गदर्शन सही दिया गया है तो फि र 6 के स्थान पर ४ ही लोहे की सरिया किस आधार पर लगाई गई। इस बात को लेकर ग्राम के नागरिक  कृष्णा लिल्हारे ने बताया कि जब कार्य सही हो रहा था तो फि र अलग से कॉलम में २ सरिया कैसे लगा दी गई साथ ही निम्न स्तर की काली इट्टों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।

श्री लिल्हारे ने  कहा कि ऐसे में कार्य की गुणवत्ता कैसे होंगी सोचा जा सकता है।  इस कार्य को प्रारंभ हुए आज महीना होते आ गया है लेकिन निर्माण स्थल से बोर्ड अभी भी नदारत है जो निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत के साथ जनपद पंचायत की भारी लापरवाही को उजागर कर रहा है। बोर्ड में कार्य का नाम और किस मद से कार्य हो रहा है कितनी स्वीकृत लागत ह कार्य प्रारंभ और पूर्णता दिनांक प्रशासकीय स्वीकृति और तकनीकी स्वीकृति क्रमांक आदि सभी अंकित होने चाहिए। जैसे ग्राम पंचायत के जिम्मेदार खुद नही चाहते हो कि ग्राम की जनता को उक्त कार्य से संबंधित जानकारी प्राप्त हो पाए। यही हाल नाली निर्माण का भी बताया जा रहा है जहां से बोर्ड गायब है। इसी प्रकार अन्य कुछ ग्राम पंचायतों में भी निर्माण स्थल से बोर्ड आसानी से नदारत देखे जा सकते है।

इस संबंध में सचिव खेमराज मलेवार ने बताया कि उपयंत्री द्वारा पहले ४ सरिया कॉलम में लगाने के लिए कहा गया था उसके बाद ६ सरिया कहा गया। जिसके बाद २ लोहे की सरिया और अलग से बढाई गई है। बोर्ड नही लगाया गया है। मनरेगा द्वारा ८ लाख की लागत से सेग्रिगेशन निर्माण का कार्य किया जा रहा है। जिसमें ग्राम का कूडा करकट एकत्र किया जाएगा। जनपद पंचायत खैरलांजी के अंतर्गत ग्राम पंचायत घोटी में फि लहाल जिस तरह से सेग्रिगेशन का कार्य देखा जा रहा है उससे ऐसा प्रतीत होता है कि जितनी भी ग्राम पंचायतों में इस प्रकार के निर्माण कार्य किए जा रहे है सभी में ऐसी ही गलती की जा रही हो। मतलब साफ  है उच्च स्तर पर विभागीय अधिकारियों द्वारा निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत को सही तकनीकी निर्देशन प्राप्त नही हो पाने के कारण और कार्य शीघ्र प्रारंभ करने के दवाब में इस प्रकार की गलती होना बताया जा रहा है।  यदि पूर्व के दिए लेआउट को किसी कारण वश परिवर्तन करना पडा तो फि र इसके नुकसान का जिम्मेदार कौन होंगा निर्माण एजेंसी या फिर संबंधित जिम्मेदार अधिकारीगण। 
इनका कहना है

प्रारंभ में ही स्पष्ट गाइडलाइन प्राप्त नही होने के कारण इस प्रकार की समस्या खडी हुई है। पहले १५ वां वित्त से निर्माण होना था। अब नए निर्देश के तहत मनरेगा से इसके निर्माण के दिशा.निर्देश आये है। इस कारण से निर्माण स्थल पर बोर्ड भी नही लग पाए है। ग्राम पंचायत वार स्वीकृत राशि अलग अलग है।
आई एल वासनिक
सहायक यंत्री मनरेगा जनपद पंचायत खैरलांजी

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