ग्राम पंचायत वारा अंर्तगत आने वाले बालाघाट रोड़ स्थित काली मंदिर में माता रानी का नवदिवसीय नवरात्र पर्व भक्तिभाव के साथ मनाया जा रहा है। इस दौरान प्रतिदिन मंदिन में जहां भजन कीर्तन व जश का दौर चल रहा है वही ४०५ मनोकामना ज्योतिकलश जगमगा रहे है। अष्टमी के दिन हवन पूजन के पश्चात कन्या भोज का आयोजन किया जायेगा। वही ज्योतिकलश का विसर्जन नवमी के दिन ग्राम स्थित बड़ी नहर में किया जायेगा। इस मंदिर में भक्तो की अटूअ आस्था है जिसके चलते बालाघाट ही नही अन्य राज्य के लोग भी दर्शन करने आते है।। इस संबंध में पद्मेश को जानकारी देते हुये काली मंदिर समिति अध्यक्ष रविन्द्र रूसिया ने पद्मेश को बताया कि इस मर्तबा माता रानी के दरबार में लगभग ४०५ मनोकामना ज्योतिकलश रखे गये है। जिसमे ३६० तेल के कलश है वही ४५ कलश घी के है। जिन भक्तो ने ज्योतिकलश रखा है वे भक्त वारासिवनी, बालाघाट, महाराष्ट, छत्तीसगढ़ के है। वही विदेश से इस बार कोई कलश नही आया है। हमारे द्वारा अष्टमी को हवन पूजन करने के बाद नवमी के दिन इन कलश का विसर्जन ग्राम वारा स्थित नहर में शोभायात्रा निकालकर किया जायेगा। वही जो भंडारा होगा वो पुरानी परम्परा अनुसार होगा। हमारी समिति सभी लोगो को बैठालकर पत्तल में भोजन करायेगी। इसके अलावा प्रतिदिन माता रानी के भक्तगण अपनी और से महाप्रसादी लेकर आ रहे है। श्री रूसिया ने बताया कि मंदिर के प्रति भक्तों में अटूट आस्था व्याप्त है