विदेशी मेहमानों के लिए ‘मां की रसोई’:T-20 की मीटिंग में आए डेलीगेट्स ने खाई चूल्हे पर बनीं ज्वार, बाजरे की रोटियां

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राजधानी भोपाल में जी-20 के तहत टी-20 (थिंक-20) की बैठकें हो रही हैं। आज यानि मंगलवार को टी-20 की बैठकों का समापन होगा। इन बैठकों में शामिल होने भारत समेत 22 देशों से सैकड़ों प्रतिनिधि आए हैं। इससे पहले सोमवार को सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया। खास बात ये है कि मेहमानों के लंच और डिनर में मध्यप्रदेश की देशी परंपरा का भी ध्यान रखा गया है।

‘मां की रसोई’ में बनीं ज्वार-बाजरे की रोटियां

कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में आयोजित टी-20 की बैठकों में शामिल होने आए देशी-विदेशी प्रतिनिधियों के भोजन के लिए गांवों की तरह देशी स्टाइल में ”मां की रसोई” बनाई गई है। जिसमें महिलाओं ने ज्वार, बाजरा और मक्का की रोटियां चूल्हे पर बनाईं। मेहमानों ने इन रोटियाें का स्वाद चखा।

मल्टीग्रेन के फायदे बताए

सभागार परिसर में ही मेहमानों को मल्टीग्रेन यानि भारत के परंपरागत मोटे अनाजों की जानकारी देने के लिए मां की रसोई में कोदो, कुटकी, ज्वार, बाजरा, मक्का, चना, फिकार जैसे अनाजों के सेवन से होने वाले फायदों की जानकारी दी गई।

यह व्यंजन विशेष तौर पर परोसे

  • ​​​​​​ज्वार की रोटी
  • मक्का की रोटी
  • बाजारा की रोटी
  • जलेबी और रबड़ी
  • बाजरे की खिचड़ी
  • साबूदाना पापड़
  • दाल महाराजा
  • हरे चना का निमोना
  • लच्छा पराठा
  • आलू चना चाट

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