देशभर में सरकारी संपत्तियों के किए जा रहे निजीकरण का असर बालाघाट जिले में बड़े पैमाने पर दिख रहा है. जहां सरकार, जिले भर में खाली पड़ी सरकारी जमीन को एक-एक कर निजी हाथों में सौंप रही है. तो वहीं अब सरकार ने शासकीय विद्युत वितरण कंपनी को भी निजी हाथों में सौंपने का खाका तैयार किया है. जहां न केवल बालाघाट जिला, ना केवल मध्य प्रदेश, बल्कि देशभर की सभी विद्युत वितरण कंपनी को निजी हाथों में सौंपने की योजना बनाई है. जिसका बिल, केंद्र सरकार द्वारा सोमवार को इलेक्ट्रिसिटी अमेंटमेंट बिल 2022 के नाम से पेश किया जाएगा. केंद्र सरकार द्वारा पेश किए जाने वाला यह बिल अगर पास हो गया तो पूरे देश की विद्युत व्यवस्था का निजीकरण कर उसे प्राइवेट हाथों में सौंपा जाएगा. जिसके विरोध में मध्यप्रदेश यूनाइटेड फोरम फॉर पावर एंप्लाइज यूनियन ने रविवार को अभियंता कार्यालय के समक्ष केंद्र सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी की.जहां उन्होंने इलेक्ट्रिसिटी अमेंटमेंट बिल 2022 का विरोध करते हुए उसे तुरंत वापस लिए जाने की मांग की. वही उन्होंने अपनी इस मांग को लेकर सोमवार को एक दिवसीय हड़ताल करने का ऐलान किया है जिसमें उन्होंने इमरजेंसी सेवाओं को छोडक़र किसी भी प्रकार की सेवाएं नहीं देने की बात कहते हुए सोमवार को समस्त कार्यालयों में काम बंद हड़ताल करने की बात कही है. वही उन्होंने सोमवार को इस बिल के पास होने पर सोमवार से ही इस एक दिवसीय हड़ताल को अनिश्चित कालीन हड़ताल के रूप में बदलने की चेतावनी दी है.इस दौरान कार्यपालन अभियंता लक्ष्मण सिंह वल्के,जीएस नगपुरे, सहायक अभियंता चंदा चंद्राकर, हुकुमचंद यादव, व्रत सचिव शिव कुमार मुनेश्वर,आरके बिवने, रतिराम नखाते, महेंद्र डहरवाल, प्रांतीय उपाध्यक्ष आईडी पटले सहित अधिकारी कर्मचारी संविदा कर्मचारी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
निजी हाथों में कंपनी सौंपने से उपभोक्ताओं की बढ़ी परेशानी- आईडी पटले
सोमवार को की जाने वाली एकदिवसीय हड़ताल को लेकर की गई चर्चा के दौरान मप्र यूनाइटेड फोरम फॉर पावर एंप्लाइज यूनियन प्रांतीय उपाध्यक्ष आईडी पटले ने बताया कि सोमवार को केंद्र सरकार का ऊर्जा विभाग, इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल लोकसभा में पेश करने के लिए रखने जा रहा है.यह बिल उपभोक्ताओं के लिए और कर्मचारियों के लिए फायदेमंद नहीं है. वर्तमान समय में विद्युत लाइन का जो ढांचा बना हुआ है वह पूरा बैठ जाएगा.जो लोग कंपनी खरीदेंगे. वे नई लाइन नहीं डालेंगे, बल्कि पहले से बनी कंपनी की लाइन हैं उसी से ही इनपुट लेंगे. यह लोग बड़े बड़े उपभोक्ताओं का एग्रीमेंट करेंगे और ऐसे उपभोक्ता जो बिल जमा नहीं करते उन्हें कंपनी को दे देंगे. इससे सरकार घाटे में चली जाएगी. जिससे अधिकारी कर्मचारियों की परेशानी बढ़ जाएगी. इसके पहले हमने दिल्ली भोपाल सहित अन्य जगहों पर ज्ञापन सौपा हैं आंदोलन किए हैं. हम पिछले दो-तीन वर्षों से इस बिल का विरोध करते आ रहे हैं लेकिन सरकार हमारी कोई सुनवाई नहीं कर रही है.यह बिल सोमवार को 11 बजे सदन में पेश किया जाएगा. जिसके विरोध में पूरे देश के विद्युत अधिकारी कर्मचारी एक दिवसीय हड़ताल पर रहेंगे और यदि यह बिल पास हो जाता है तो हमारी यह एक दिवसी हड़ताल अनिश्चितकालीन हड़ताल में बदल जाएगी।
तो अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे -लक्ष्मण सिंह वल्के
वही मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान मप्र यूनाइटेड फोरम फॉर पावर एंप्लाइज यूनियन जिला संयोजक लक्ष्मण सिंह वल्के ने बताया कि सोमवार को केंद्र सरकार लोकसभा में इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल 2022 लेकर आ रही है. सरकार उस बिल को पास कराना चाहती है. इससे देश की सभी विद्युत कंपनी निजी हाथों में चली जाएगी. जिससे जहां एक और उपभोक्ताओं को बिजली महंगी मिलेगी, तो वहीं दूसरी और हमारी सेवा शर्तें भी प्रभावित होंगी.इसी के विरोध में हम ने सोमवार को एक दिवसी हड़ताल बुलाई हैं यदि सदन में बिल पास हो जाता है तो हमारी यह दिवसीय हड़ताल अनिश्चितकालीन हड़ताल में बदल जाएगी।