वीरांगना रानी अवंती बाई का मनाया गया बलिदान दिवस

0

वारासिवनी(पद्मेश न्यूज)। नगर के वीरांगना रानी अवंति बाई स्टेडियम में अखिल भारतीय लोधी महासभा के तत्वाधान में गुरूवार को रानी अवंतीबाई का बलिदान दिवस मनाया गया। यह कार्यक्रम समाज के वरिष्ठ लोगो की उपस्थिति में प्रारंभ किया गया। जिसमें उपस्थित जनों के द्वारा सर्वप्रथम वीरांगना रानी अवंतीबाई के छायाचित्र पर तिलक वंदन कर माल्यार्पण किया गया। ततपश्चात उपस्थित जनो के द्वारा विधि विधान से पूजा अर्चना के बाद ध्वजारोहण कर बलिदान दिवस मनाया गया। जहाँ रानी अवंतीबाई अमर रहे अमर रहे सहित अन्य नारे लगाये गयें। जिसके बाद उपस्थित जनो के द्वारा वीरांगना रानी अवंती बाई के जीवन पर प्रकाश डालकर बताया कि रानी अवंतीबाई का जन्म १६ अगस्त १८३१ को मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के मनखेणी ग्राम में हुआ था इनके पिता राव जुझार सिंह थे। अवंतीबाई की संपूर्ण शिक्षा घर पर ही हुई जिसमें वह तलवारबाजी का प्रशिक्षण युद्ध कौशल में दक्ष हो गई थीं। जिनका विवाह रामगढ़ के राजा लक्ष्मण सिंह लोधी के पुत्र विक्रमादित्य के साथ संपन्न हुआ। विक्रमादित्य का मन राजकाज की अपेक्षा धार्मिक कार्यों में अधिक लगता था। यही कारण था कि राज्य के सारे निर्णय रानी अवंतीबाई ही करती थीं। २० मार्च १८५८ को अंग्रेजों की विशाल सेना से रानी अवंतीबाई ने अपने कुछ सैनिकों के साथ साहस और वीरता के साथ युद्ध किया। लेकिन जब रानी को आभास हुआ कि उनकी मौत निकट है तो उन्होंने अपनी ही तलवार से स्वयं के प्राण मातृभूमि के रक्षार्थ अर्पण कर दिए। वहीं वीरांगना रानी अवंती बाई के जीवन से वर्तमान में महिलाओं को प्रेरणा लेकर साहसिक जीवन जीने की अपील भी की गई। इस अवसर पर बड़ी संख्या में स्वजातीय बंधु व अन्य लोग मौजूद रहे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here