राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने दावा किया है कि मोबाइल कंपनी ओप्पो इंडिया ने 4389 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी की। बता दें कि ओप्पो चीनी मोबाइल कंपनी है। इस साल मई में ओप्पो के कई ऑफिस पर ईडी ने छापेमारी की थी। अप्रैल के महीने में मोबाइल फोन खुदरा विक्रेताओं के संगठन ने चीनी स्मार्टफोन विनिर्माता ओप्पो पर ऑनलाइन मंचों पर ही अपने ‘उत्पाद को सीमित करके अनुचित व्यापार व्यवहार’ में लिप्त रहने का आरोप लगाया था।
डीआरआई ने कहा, जांच के दौरान, डीआरआई द्वारा ओप्पो इंडिया के कार्यालय परिसर और इसके प्रमुख प्रबंधन कर्मचारियों के आवासों की तलाशी ली गई, इसके परिणामस्वरूप ओप्पो इंडिया द्वारा उपयोग के लिए आयात की गई कुछ वस्तुओं के विवरण में जानबूझकर गलत घोषणा का संकेत देने वाले सबूत मिले। डीआरआई के मुताबिक ओप्पो इंडिया के वरिष्ठ प्रबंधन कर्मचारियों और घरेलू आपूर्तिकर्ताओं से पूछताछ की गई। इन सभी ने माना है कि कंपनी ने टैक्स को लेकर गलत जानकारियां दीं। जांच से साफ हुआ हैं कि ओप्पो इंडिया ने मालिकाना तकनीक, ब्रांड और बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) लाइसेंस के उपयोग के बदले चीन में स्थित विभिन्न बहुराष्ट्रीय कंपनियों को रॉयल्टी और लाइसेंस शुल्क के भुगतान के माध्यम से पैसे दिए। डीआरआई के मुताबिक ओप्पो इंडिया द्वारा भुगतान की गई ‘रॉयल्टी’ और ‘लाइसेंस शुल्क’ को उनके द्वारा आयात किए गए सामान के लेनदेन मूल्य में नहीं जोड़ा जा रहा था। बता दें कि ओप्पो, वीवो और वन प्लस स्मार्टफोन एक ही कंपनी अलग-अलग ब्रैंड के नाम से बनाती है। ये कंपनी है, चीन की मल्टीनेशनल कंपनी बीबीके इलेक्ट्रॉनिक्स है। पिछले दिनों ईडी ने वीवो के ऑफिस पर भी छापेमारी की थी। वीवो पर भी टैक्स चोरी का आरोप लगा था।