शहर की नामी वुशू खिलाड़ी प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग व नगर निगम की कार्यप्रणाली से आहत है। उसे इस बात का दर्द है कि उसने स्वजन समेत न जाने कितने लोगों को अनजाने में कोरोना वायरस से संक्रमित कर दिया, उसके बाद सरकारी अमला उसके घर तक पहुंचा।
रिज रोड लेखा नगर निवासी महिला खिलाड़ी का कहना है कि कोरोना जांच के लिए सैंपल देने के बाद से वह लगातार रिपोर्ट के लिए जद्दोजहद करती रही परंतु उसे जानकारी नहीं दी गई। रिपोर्ट पता करने के लिए वह विक्टोरिया अस्पताल गई परंतु बताया गया कि मोबाइल पर मैसेज आएगा। वह कोरोना पाॅजिटिव है या निगेटिव यह सोचकर उसकी मनोदशा खराब होती रही।
रिपोर्ट देने के 10 दिन बाद वह स्वजन व जान पहचान के लोगों के संपर्क में रही। मेडिकल स्टोर से दवा खरीदकर सेवन किया और बुखार से राहत मिल गई। 22 अप्रैल से एक मई तक घर में क्वारेंटाइन रहने का पोस्टर चस्पा किए जाने पर वुशू खिलाड़ी ने आपत्ति दर्ज करते हुए कलेक्टर से लिखित शिकायत की है। प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संजय मिश्रा ने कहा कि वे प्रकरण की जांच कराएंगे।
कर्मचारियों ने कहा मोबाइल पर मैसेज आएगा, नहीं आया: वुशू खिलाड़ी ने बताया कि कोरोना संक्रमण के लक्षण सामने आने पर उसने छह अप्रैल को विक्टोरिया अस्पताल में जांच कराई थी। सर्दी व बुखार के लक्षण उभरते ही उसने बिना देर किए परामर्श लिया। छह तारीख को ही उसके सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे। उस समय कर्मचारियों ने जानकारी दी थी कि सैंपल लेने व रिपोर्ट की जानकारी मोबाइल पर मैसेज के माध्यम से दी जाएगी। परंतु सैंपल व रिपोर्ट का मैसेज मोबाइल पर नहीं भेजा गया। घर पर पोस्टर चस्पा करने पहुंचे नगर निगम कर्मचारियों ने बताया कि उसकी रिपोर्ट 10 अप्रैल को आ चुकी थी।
खिलाड़ी ने उठाए सवाल: वुशू खिलाड़ी ने कहा कि रिपोर्ट न मिलने पर तथा बाजार से खरीदी गई दवा के सेवन से वह ठीक हो गई। परंतु काेरोना संक्रमण के दौरान संपर्क में जितने लोगों को खतरा हुआ है, उसके लिए जिम्मेदारी तय की जाए। उसके संपर्क में आए लोग यदि कोरोना की चपेट में आते हैं तो सरकारी खर्च पर उपचार की व्यवस्था कराई जाए। उसने बताया कि सोमवार को नगर निगम कर्मचारी घर पर पोस्टर चस्पा कर गए परंतु न किसी डॉक्टर का फोन आया न कोरोना उपचार की दवा दी गई।
पोस्टर में चार दिन पहले की तारीख: कोरोना जागरुकता के लिए पुलिस जगह-जगह नुक्कड़ नाटक करवा रही है। कलेक्टर व एसपी सड़कों पर घूम रहे हैं। इस प्रयास से जागरुक होकर वुशू खिलाड़ी सेहत खराब होने पर विक्टोरिया अस्पताल पहुंची। उसने कोरोना जांच के लिए सैंपल दिया परंतु लचर व्यवस्था ने उसकी जागरुकता पर पानी फेर दिया। महिला खिलाड़ी ने बताया कि सैंपल देने के 20 दिन बाद नगर निगम कर्मचारी रिज रोड लेखानगर उसके घर पहुंचे और कोविड-19 डू नाॅट विजिट का पोस्टर चस्पा कर दिया। पोस्टर पर चार दिन पहले की तारीख अंकित है। जिससे स्पष्ट होता है कि सैंपल देने के 16 दिन बाद उसकी रिपोर्ट की जानकारी नगर निगम को पोस्टर चस्पा करने के लिए दी गई थी। निगम के अमले ने उसके घर पहुंचने में चार दिन लगा दिया।