शासन-प्रशासन बड़े-बड़े मंचों से गरीबों को भरपेट अनाज दिलाने के दावे करता हो, लेकिन इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही है। बालाघाट जिला मुख्यालय से सटे ग्राम भटेरा की शासकीय मूल्य दुकान पहुंचने वाले हितग्राही पिछले एक हफ्ते से तकनीकी गड़बड़ी का खामियाजा भुगत रहे हैं। दरअसल, हितग्राही को राशन देने से पहले उनकी जानकारी दर्ज करने वाली मशीन बार-बार बंद हो रही है, जिससे राशन वितरण प्रभावित हो रहा है। हितग्राही तीन दिनों से लगातार इसी उम्मीद के साथ दुकान पहुंच रहे हैं कि उन्हें आज राशन मिलेगा, लेकिन राशन वितरण करने वाले मशीन में खराबी होने की बात कहकर राशन न दे पाने की मजबूरी गिना रहे हैं।
आपको बता दें कि भटेरा की शासकीय मूल्य की दुकान का संचालन पिछले छह महीने से शिव सांई स्व-सहायता समूह द्वारा किया जा रहा है। शनिवार को जब गांव की महिलाएं राशन लेने पहुंचीं तो उन्हें मशीन में खराबी आने का कारण बताया गया। हितग्राहियों का कहना है कि उनकी परेशानी सिर्फ मशीन में खराबी तक ही सीमित नहीं है बल्कि राशन दुकान से लंबे समय से गेहूं, कोरोसीन तेल, शक्कर, नमक जैसी सामग्रियों का वितरण भी बंद पड़ा है, जिसके कारण उन्हें महंगे दामों में बाजार से ये सामान खरीदने पड़ रहे हैं। महिलाओं ने बताया कि मशीन में गड़बड़ी के कारण करीब डेढ़ सौ हितग्राहियों को अनाज नहीं मिल पा रहा है। हितग्राहियों का कहना है मशीन में खराबी की परेशानी रोज की है, इसके कारण उन्हें अपने घर और मजदूरी के काम रोककर घंटों तक राशन दुकान में बैठना पड़ता है।
बाइट- धनवंती गराड़े, निवासी ग्राम भटेरा
बाइट- नूतन बसेने, निवासी ग्राम भटेरा
वहीं, इस संबंध में समूह के महिला विक्रेताओं ने बताया कि हितग्राहियों की जानकारी एंट्री करने वाली मशीन में कई दिनों से सर्वर की समस्या आ रही है, जिससे उन्हें राशन बांटने में परेशानी हो रही है। सर्वर की दिक्कत ऊपर के स्तर की है इसलिए वो चाहकर भी इसमें कुछ नहीं कर पाते। मजबूरी में उन्हें हितग्राहियों के गुस्से का सामना करना पड़ता है। हालांकि, महिला विक्रेता जिस मशीन में एंट्री करके हितग्राहियों को राशन देती हैं, उस मशीन को क्या कहा जाता है, इससे भी वह अनजान दिखीं।
आपको बता दें कि जिलेभर की सभी राशन दुकानों में करीब एक साल से गेहूं का वितरण नहीं हो पाया है। इसके अलावा भटेरा की महिला हितग्राहियों ने बताया कि उन्हें दो महीने पहले तक नमक मिल रहा था, वो भी बंद कर दिया गया है। इतना ही नहीं दिसंबर में वितरित किए जाने वाला राशन जनवरी में बांटा जा रहा है, जो मशीन में खराबी आने के कारण नहीं मिल पा रहा है।










































