शहर के वरिष्ठ अधिवक्ता एम.पी राव ने 25 लाख रूपये से अधिक की कानून की किताबें पीजी कॉलेज को की दान,

0

शहर के वरिष्ठ अधिवक्ता ने लगभग 25 लाख रूपये से अधिक की कीमत की कानूनी किताबों को शासकीय जटाशंकर त्रिवेदी महाविद्यालय बालाघाट को दान कर दिया है बताया जा रहा है कि वरिष्ठ अधिवक्ता एम.पी राव ने 1447 पुस्तक को कॉलेज प्रबंधन को दान किया है और यह कानून की किताबे है लगभग 1960 के पहले की बताई जा रही है और कुछ किताबें तो इनमें ऐसी है कि वह अब प्रिंट होना भी बंद हो गई है जिसमें श्री राव का यह मानना था कि वह अपने जीवन भर की कमाई इन किताबों को ऐसी जगह दे जिनका उपयोग आज सभी वर्ग करें इसलिए उन्होंने कॉलेज को चुना और कॉलेज में युवा पीढ़ी को यह किताबे समर्पित किया है जिसमें कालेज प्रबंधन द्वारा उनका धन्यवाद ज्ञापित किया गया है
आपको बता दे की शहर के वरिष्ठ अधिवक्ता एम.पी राव मूलत: मैसूर के रहने वाले हैं किंतु वह सबसे अधिक कर्नाटक में रहे हैं उसके बाद वह बेंगलुरु में भी रहे और बाद में वह बालाघाट आ गए और उन्होंने बालाघाट में वकालत की और काफी चर्चित अधिवक्ता माने जाते थे , उनकी वकालत की हर कोई तारीफ करता था बताया यह भी जा रहा है कि एम.पी राव पिता डॉ. एम.के राव तीन भाई थे जिसमें सबसे बड़े भाई बच्चों के डॉक्टर थे उसके बाद वह स्वयं एम.पी राव अधिवक्ता थे एवं उनसे छोटे भाई एम. विजेंद्र राव जो की बैंक में मैनेजर थे जिन्होंने बालाघाट की बैंकों में ही अपनी सेवा दी अभी कुछ दिन पहले ही उनके बड़े भाई का निधन हुआ है एवं अभी एम.पी राव 89 वर्ष के हैं जिनका स्वास्थ्य इन दिनों ठीक नहीं चल रहा है एवं उन्होंने अपने जीवन में जितनी भी कानून की किताबें खरीदी जिनकी आज अनुमानित लागत 25 लाख से भी अधिक की बताई जा रही है जिसमें लगभग 1447 पुस्तके हैं जिन्हें उन्होंने जटाशंकर त्रिवेदी महाविद्यालय बालाघाट को दान कर दिया है दान करने के पीछे उनका यही मकसद है कि उनके जीवन भर की कमाई इन पुस्तकों को आने वाली पीढ़ी उपयोग कर सके जबकि देखा जाए तो यह कानून से संबंधित ऐसी ऐसी पुस्तक हैं जो आज बाजारों में आना भी बंद हो गई है एवं कुछ पुस्तक तो ऐसी भी है जिन्हें अब कंपनियों ने प्रिंट करना भी बंद कर दिया है ऐसी पुस्तकों को उन्होंने संजोकर अपने घर में लाइब्रेरी के रूप में रखा था, जिन्हें उन्होंने कॉलेज को दान कर दिया है जिस पर कॉलेज प्रबंधन ने भी उन्हें धन्यवाद ज्ञापित किया है

आज वह पुस्तकों को कॉलेज प्रबंधन को दान कर रहे हैं – एम . विजेंद्र राव

एम.पी राव के छोटे भाई एम . विजेंद्र राव ने पद्मेश न्यूज़ से चर्चा के दौरान बताया कि उनके बड़े भाई द्वारा अपने जीवन भर पुस्तकों को पढ़ना और पुस्तकों को संजोकर रखना ही उनका शौक था और अब वह चाहते हैं कि जिन पुस्तकों को उन्होंने संग्रहित कर इतने वर्षों तक रखा है उन्हें वह आने वाली पीढ़ी को समर्पित कर दे ताकि उन पुस्तकों से आने वाली पीढ़ी का भला हो सके उन्होंने चर्चा में यह भी बताया कि एम.पी राव द्वारा 1960 से ही वकालत शुरू कर दी थी और वह बालाघाट जिले के वरिष्ठ अधिवक्ता थे उनकी विधि के विषय में अच्छी पकड़ थी और आज वह पुस्तकों को कॉलेज प्रबंधन को दान कर रहे हैं इसे देखकर उन्हें बहुत अच्छा लग रहा है कि उनके द्वारा आज पुस्तकों को अच्छे कार्य के लिए दिया जा रहा है

इन पुस्तकों का फायदा कॉलेज के बच्चे उठा पाएंगे- गोविंद सिरसाठे

पीजी कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य गोविंद सिरसाठे द्वारा बताया गया कि आज बालाघाट शहर के वरिष्ठ अधिवक्ता एम.पी राव के द्वारा अपनी व्यक्तिगत लाइब्रेरी को कॉलेज प्रबंधन को दान कर रहे हैं उसी के विषय में वह उनके निवास पर पहुंचे हैं और उन्हें धन्यवाद पत्र ज्ञापित कर रहे हैं उन्होंने कुछ दिन पहले ही यह मनसा जाहिर की थी कि वह अपनी लाइब्रेरी की पुस्तकों को कॉलेज प्रबंधन को दान करेंगे जिससे इन पुस्तकों का फायदा कॉलेज के बच्चे उठा पाएंगे जिसकी प्रक्रिया में पिछले एक सप्ताह से कॉलेज प्रबंधन की टीम लगी हुई थी और आज 1447 पुस्तकों की सूची तैयार की गई है जिन्हें एम.पी राव के द्वारा कॉलेज प्रबंधन को दान दिया जा रहा है यह भी बताया कि इनमें बहुत सी ऐसी किताबें हैं जो अब प्रिंट होना बंद हो गई है जिनका निश्चित ही लाभ कॉलेज के छात्र-छात्रा उठाएंगे

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here