शहर में शहीद चंद्रशेखर आजाद हॉकी मैदान को राष्ट्रीय स्तर के आयोजन के लिए लगभग 7 करोड़ की लागत से एस्ट्रोटर्फ , पवैलियन, गैलरी, रोड व नाली आदि बनाई जा रही है जिसमे अब थोड़ा ही काम छोड़कर लगभग अब यह बनकर तैयार हो गया है, एवं इस मैदान में अब एस्ट्रोटर्फ लगाई जानी है ,और यह एस्ट्रोटर्फ खेल ग्राउंड में बुलाई भी जा चुकी है किंतु पूर्व सांसद कंकर मुंजारे द्वारा इसका 25 दिसंबर की सुबह जब औचक निरीक्षण किया गया एवं लाई हुई एस्ट्रोटर्फ को देखा गया तो उसे बहुत ही अधिक गुणवत्ताहीन किस्म की एस्ट्रोटर्फ बताया गया ,एवं यह एस्ट्रोटर्फ लगने से पहले ही खराब होना शुरू हो गई है जिसे देखकर कोई भी यह कह सकत है की यह एस्ट्रोटर्फ अब खराब होना शुरू हो गई है
आपको बता दे की शहर के शहीद चंद्रशेखर आजाद हॉकी मैदान में राष्ट्रीय स्तर की हॉकी प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती है , जिसके लिए लगभग 7 करोड़ की लागत से हॉकी मैदान को एस्ट्रोटर्फ युक्त हॉकी मैदान बनाया जा रहा है , जिसमें लगभग 3 वर्ष बनाते- बनाते ही बीत गएहै एवं इसे अनेक बार काम ठीक से नहीं होने की वजह से यहां के खेल प्रेमी सहित हॉकी आयोजन समिति ने इस पर सवाल खड़े किए थे, एवं इसमें जांच भी बैठी थी, और संबंधित विभाग के अधिकारियों द्वारा निर्माण के समय इसकी समय-समय पर मॉनिटरिंग के साथ-साथ काम सही नहीं होने को लेकर विरोध किया गया था जिसके बाद जांच भी की गई है
अब यह हॉकी खेल मैदान लगभग थोड़ा ही काम होना बाकि है नही तो यह अब पूरी तरह बनकर तैयार हो गया है, एवं इसमें अब एस्ट्रोटर्फ लगाया जाना है , और इसके लिए एस्ट्रोटर्फ बुलवाई भी जा चुकी है , किंतु 25 दिसंबर की सुबह पूर्व सांसद कंकर मुंजारे के द्वारा जब एस्ट्रोटर्फ का निरीक्षण किया गया जिसमे उनके साथ कुछ खेल प्रेमियों ने भी इस एस्ट्रोटर्फ को देखा तो पाया कि यह एस्ट्रोटर्फ तो लगने से पहले ही क्षतिग्रस्त हो गई है और यदि इसे लगाया जाता है तो यह कुछ दिन बाद ही और ज्यादा खराब होना हो जाएगी, जिससे यहा हॉकी के बड़े खेल होना संभव नहीं है,
निरीक्षण के दौरान पूर्व सांसद कंकर मुंजारे द्वारा कहा गया कि यह जो एस्ट्रोटर्फ हॉकी मैदान के लिये लाया गया है वह बहुत पहले ही ला लिया गया है जबकि अभी मैदान को बनने में समय लगेगा और यहां रखे रखे ही यह और ज्यादा खराब हो जाएगा जबकि यह अभी से ही फटा हुआ दिख रहा है और इसकी जो क्वालिटी है वह बहुत ही घटिया स्तर की है, जिसे श्री मुंजारे ने लोकल स्तर की एस्ट्रोटर्फ बताया है और उन्होंने कहा कि बालाघाट के इस हॉकी मैदान में पहली बार एस्ट्रोटर्फ रह है तो वह अच्छी गुणवत्ता वाला लगना चाहिए , और उन्होंने बना रहे मैदान को टेक्निकल रूप से सही नहीं बताया उन्होंने बताया कि उन्होंने पहले ही इस ग्राउंड का मुवाना कर लिया है, यदि कोई गैलरी में बैठकर खेल देखता है तो उसे पूरा ग्राउंड बैठकर नहीं दिखेगा , जिससे वह पूरा खेल नहीं देख पाएग , और यह जो निर्माण कार्य किया जा रहा है वह निर्माण कार्य बहुत ही घटिया है, इस पूरे ग्राउंड की एक बार पुनः जांच होनी चाहिए ,और कोई ओलंपियन खिलाड़ी आकर ग्राउंड को देखें और बताएं कि क्या यह ठीक से बन रहा है या नहीं बन रहा है ,और जो यह एस्ट्रोटर्फ बुलाई गई है वह एस्ट्रोटर्फ सही है या नहीं है वह इसकी जानकारी देंगे
आज बालाघाट की हॉकी को पूरी तरह से जीरो कर दिया गया है-
उन्होंने बताया कि बालाघाट में होने वाली हॉकी बहुत ही उत्कर्ष किस्म की हॉकी होती थी, किंतु आज उसे हॉकी को पूरी तरह से जीरो कर दिया गया है ,और आज भी हॉकी के पदाधिकारी को हॉकी खिलावाने को लेकर कोई लेना-देना नहीं है, उन्हें सिर्फ अपने स्वार्थ से मतलब होता है ,जबकि एक समय था जब हॉकी को लेकर बालाघाट का नाम चलता था ,और मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में बालाघाट का हॉकी को लेकर नाम चलता था और इस ग्राउंड के विषय में काफी चर्चाएं थी , किंतु इस ग्राउंड को अब पूरी तरह से बर्बाद कर दिया गया है, और वैसा ग्राउंड अब बन पाएगा या नहीं बन पाएगा वह भी कुछ कहा नहीं जा सकता है
यहाँ पूरा कमीशन खोरी का खेल है –
वहीं उन्होंने बताया कि जिस प्रकार से ग्राउंड को बनने में तीन वर्ष लग गए हैं , उसमें भी कहीं ना कहीं कमीशन खोरी का खेल है, और गड़बड़ी हुई है उन्होंने बताया कि भाजपा के पदाधिकारी को इस खेल ग्राउंड के बनाने का टेंडर मिला है जबकि उन्हें इस प्रकार के खेल ग्राउंड बनाने का कोई अनुभव नहीं है, उन्होंने कहा कि इस प्रकार के ग्राउंड बनाने के लिए महानगरों या बड़े शहरों के ठेकेदारों से संपर्क किया जाना था