शारदेय नवरात्र के पांचवें दिन स्कंदमाता की हुई पूजा

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हिंदू धर्म में नवरात्र का विशेष महत्व है। प्रत्येक साल में दो नवरात्र आते हैं। पहली नवरात्र चैत्र मास के दौरान मनाए जाते हैं जिन्हें चैत्र नवरात्र भी कहा जाता है। वहीं दूसरे नवरात्र आश्विन मास में मनाए जाते हैं जिन्हें शारदीय नवरात्र के नाम से जाना जाता है। इस साल 15 अक्टूबर से शारदीय नवरात्र की शुरुआत हो चुकी है। ऐसे में आज नवरात्र के पांचवें दिन देवी स्कंदमाता की पूजा का विधान है। ऐसा माना जाता है कि जो लोग देवी स्कंदमाता की पूजा करते हैं उन्हें सुख शक्ति और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।

70 वर्षों से बनी आस्था का केंद्र सार्वजनिक दुर्गा उत्सव समिति बूढ़ी
नगर के उप नगरी क्षेत्र बूढ़ी स्थित शिव मंदिर के सामने 1953 से सार्वजनिक दुर्गा उत्सव समिति बूढ़ी के द्वारा मां भगवती की प्रतिमा विराजित की जाती है ।जो लोगों के लिए आस्था का केंद्र बनी हुई है। बताया जा रहा है कि पुलिस लाइन, सिविल लाइन, ढीमर टोला, भटेरा में 1953 के समय शारदेय नवरात्रि में प्रतिमा विराजित नहीं की जाती थी इसीलिए धार्मिक आस्था से जोड़ने के मकसद से बुजुर्गों के द्वारा शक्ति की भक्ति के महापर्व में लोगों को धर्म से जोड़ने के लिए प्रतिमा विराजित की जाती है । जिसे वरिष्टों द्वारा की शुरू की गई परंपरा का आज भी किया जाता है जहां पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं तो वही भक्तों के द्वारा 17 ज्योति कलश प्रज्वलित किए गए हैं।

सनातन धर्म का संदेश देती मां आदिशक्ति दुर्गा उत्सव समिति की प्रतिमा
बुद्धि रेलवे फाटक के पास स्थित आदिशक्ति दुर्गा उत्सव समिति द्वारा 32 वर्ष से मां शारदेय नवरात्र पर्व पर प्रतिमा विराजित की जाती है सदस्यों ने बताया कि सनातन धर्म और विलुप्त होती संस्कृति को बचाने के मकसद से और लोगों को आस्था से जोड़ने के लिए यह प्रतिमा विराजित की जाती है जहां पर रोजाना ही लोगों के द्वारा शाम की आरती में शामिल होकर पुण्य लाभ अर्जित करते हैं।

एकता का देती संदेश नव जागृति दुर्गा उत्सव समिति की प्रतिमा
आईटीआई रोड जोड़ा महुआ के पास नव जागृति दुर्गा उत्सव समिति के द्वारा 19वें वर्ष भी शारदेय नवरात्रि पर्व पर मां आदिशक्ति की प्रतिमा विराजित की गई है बताया जा रहा है कि सुख समृद्धि और एकता को देखते हुए युवाओं के द्वारा शारदेय नवरात्र पर प्रतिमा विराजित की गई। जहां पर रोजाना ही संगीत में आरती और महिलाओं के द्वारा भजन कीर्तन किए जाते हैं।

संस्कृति का संदेश देती जनशक्ति दुर्गा उत्सव समिति ढीमर टोला की प्रतिमा
जनशक्ति दुर्गा उत्सव समिति ढीमर टोला द्वारा 31 वर्षों से मां भगवती की प्रतिमा विराजित की जाती है जहां पर हर साल मां नौ रूपों को अलग-अलग रूप में दर्शाया जाता है इस बार 9 बहिनी वन विहार करते हुए नजर आ रही है समिति के सदस्यों ने बताया कि संस्कृति और सुख समृद्धि की कामना को ले
कर प्रतिमा विराजित की जाती है साथ ही प्राथमिक शाला में बैठने का मकसद बच्चों को एक अच्छा ग्राउंड मिले जिससे बच्चे शाम के समय अच्छे से खेल सके।

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