शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में पदस्थ दिव्यांग शिक्षिका लक्ष्मी हरसिंह सोलंकी 37 साल सेवा करने के बाद रिटायर हो गई हैं। सेवानिवृत्ति पर उन्हें अनूठी विदाई दी गई। उन्हें बग्घी में बैठाकर चल समारोह के रूप में निवास तक छोड़ा गया।
विदाई समारोह में वन, पर्यावरण व अनुसूचित जाति विकास मंत्री नागरसिंह चौहान ने कहा कि शिक्षक सेवा काल में विद्यार्थियों को गढ़ने का काम करते हैं और सेवानिवृत्ति के बाद भी सदैव समाज को आगे बढ़ाने का कार्य करते हैं। सुश्री सोलंकी ने शारीरिक विषमताओं के बाद भी श्रेष्ठ सेवाएं प्रदान की हैं।
जिला पंचायत अध्यक्ष अनीता चौहान ने कहा कि शिक्षक देश की भावी पीढ़ी के निर्माता होते हैं। उनका बस एक ही लक्ष्य होता है कि उनसे पढ़ने वाले बच्चे देश में सबसे ऊंची बुलंदियों को छू लें।
असाड़ा राजपूत समाज के श्रृष्टि मंडल अध्यक्ष रमणसिंह सोलंकी ने कहा कि सुश्री सोलंकी को बचपन में बीमारी ने जकड़ लिया था। लेकिन उन्होंने दिव्यांगता के आगे कभी हार नहीं मानी। अपनी मंजिल पर पहुंचने के लिए वे बीमारी, आपरेशन के संघर्षों से लड़ती रहीं और सफल भी रहीं।
कार्यक्रम को प्राचार्य व्यंकटेश मूर्ति, प्रधान अध्यापिका कीर्ति जोशी, अरविंदसिंह गेहलोत, भेरूसिंह चौहान, चिमनसिंह सोलंकी, उमेश वर्मा (कछवाहा), आरती सोलंकी, नैना सोलंकी ने भी संबोधित किया। संचालन राजेश आर वाघेला ने किया। आभार भारत सिंह सोलंकी ने जताया।