शीतला माता मंदिर से निकली १६० कलशों की शोभायात्रा

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वारासिवनी(पद्मेश न्यूज)। नगर में स्थित प्राचीन शीतला माता मंदिर में १६० कलशों की शोभायात्रा निकाली गई। चैत्र नवरात्र के पावन अवसर पर ३० मार्च को १६० कलशों की स्थापना व जवारे बोकर माता रानी के नौ रूपों की आराधना आस्था व भक्तिभाव से की गई। ५ अप्रैल को हवन पूजन कर अठवाईयां चढ़ाई गई एवं कन्याओं को भोज करवाया गया एवं ६ अप्रैल को मंदिर से प्रात:११ बजे बैंडबाजों व जस गायन के साथ १६० कलशों की भव्य शोभायात्रा निकाली गई। जो विभिन्न गलियों का भ्रमण करते हुए चनई नदी पहुंची जहां कलश व जवारों का विधि विधान से पूजन अर्चन व आरती कर जवारों को विसर्जित किया गया। तत्पश्चात सभी भक्तजन वापस मंदिर पहुंचे जहां सभी को महाप्रसादी वितरण किया गया। इस अवसर पर शीतला माता मंदिर समिति पदाधिकारी सदस्य सहित गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में मौजूद रहे।

वार्ड नं०१ अमृत नगर में किया गया ज्वारे का विसर्जन

नगर के वार्ड नं. १ अमृत नगर में स्थित माँ सिहवाहिनी दुर्गा माता मंदिर में कलश व ज्वारे बोकर चैत्र नवरात्र पर्व धार्मिक आस्था के साथ मनाया गया। ६ अप्रैल की सुबह ५ बजे से मंदिर में विशेष पूजा अर्चना कर हवन पूजा कर मनोकामना ज्योति कलशों की शोभायात्रा निकालकर जवारों का विसर्जन किया गया। इस ९ दिवसीय पर्व में में जस भजन सहित अन्य धार्मिक कार्यक्रम भी आयोजित किये गये और भक्तजनों ने पहुंचकर धर्मलाभ अर्जित किये। इस अवसर पर समिति सदस्य सहित भक्तजनों का सराहनीय योगदान रहा। चर्चा में भक्त मनोज दांदरे ने बताया कि चैत्र नवरात्र पर्व आस्था पूर्वक मनाया गया। इस नौ दिवसीय पर्व में विविध कार्यक्रम कीर्तन भजन व जसों का भी आयोजन किया गया एवं अष्टमी पर हवन पूजन नवमी को कलश व जवारो की शोभायात्री निकाली गई जो मंदिर से भ्रमण करते हुए चनर्ई नदी पहुंची जहां जवारे विसर्जित किया गया। श्री दांदरे ने बताया कि समिति के द्वारा शारदेय व चैत्र नवरात्र पर्व धूमधाम से मनाया जाता है आगामी समय में यह पर्व और भव्य रूप में मनाया जायेगा। यह मंदिर करीब ३०० वर्ष से ज्यादा पुराना है जहां पर नगर वासियों की गहरी आस्था है ग्राम देवी के रूप में यह मंदिर प्रसिद्ध है जहां से प्रत्येक व्यक्ति अपने शुभ कार्यों की शुरुआत करता है।

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