श्रावण माह के तीसरे सोमवार को नर्मदा स्नान और भगवान ओंकारेश्वर- ममलेश्वर महादेव के दर्शनार्थ श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। परंपरा अनुसार आज भगवान ओंकारेश्वर के रजत मुखौटे का कोटितीर्थ घाट पर 251 लीटर पंचामृत से महा अभिषेक शाम साढ़े चार बजे होगा। वहीं भगवान ममलेश्वर के मूल स्वरूप का महा शृंगार श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण रहेंगा। इसके अलावा भगवान ओंकारेश्वर और ममलेश्वर की सवारी दोपहर बाद नगर भ्रमण कर नौका विहार करेंगी। श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते सोमवार को दोपहर 2 बजे बाद नर्मदा में नावों का संचालन प्रतिबंधित किया गया है। मंदिर में भीड़ नियंत्रण के लिए मंदिर ट्रस्ट ने मंदिर में प्रवेश व्यवस्था में बदलाव किया है। नए झूला पुल से आने वाले श्रद्धालुओं को पद्गामी पुल से निकासी द्वार की ओर भेजने की बजाय पर्वत से शनि मंदिर होते हुए सुखदेव मुनि द्वार भेजा जा रहा है।
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मंदिर के पट प्रातः काल 4:30 बजे ही खोल दिए थे। देश भर से बड़ी संख्या में लोग तीर्थ नगरी पहुंचे रहे हैं। दोपहर 12 बजे तक 20 हजार से अधिक श्रद्धालु दर्शन लाभ ले चुके थे। दोपहर 12:20 से 1:20 तक भगवान को मध्यकालीन भोग के समय मंदिर के पट दर्शनार्थियों की लिए बंद रहे। श्रद्धालुओं की सुविधा और लोगों को जल्दी दर्शन करवाने के लिए दो कतारों में लोगो को भेज जा रहा है। साधारण द्वार से कम लोग पहुंच रहे है। तीर्थनगरी में आज के दोनों विशेष आयोजन श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण रहेंगे। शाम 4.30 बजे भगवान ओमकारेश्वर और ममलेश्वर की सवारी पंडित, पुजारी व कर्मचारी के द्वारा ही निकाली जाएगी।