कोरोना की पहली और दूसरी लहर का दंश हर किसी ने झेला है। सैकड़ों लोगों ने जान भी गंवाई है। इस खतरे से बचने के लिए कई लोग सवारी वाहनों से किनारा कर निजी वाहन ले रहे हैं। इसी के चलते चार पहिया वाहनों (कार) की मांग में इजाफा हो गया है। आलम यह है आटोमोबाइल डीलर्स के लिए कार की तत्काल डिलीवरी दे पाना मुश्किल हो गया है। विभिन्न माडल की कारों की डिलीवरी में डेढ़ से तीन माह की वेटिंग है। वहीं पेट्रोल की कीमत लगातार बढ़ने के कारण लोगों का रुझान सीएनजी कारों की ओर भी बढ़ा है। ग्वालियर में मारुति की 500 से अधिक सीएनजी कार की प्री-बुकिंग है। इनकी डिलीवरी छह माह बाद शुरू हो पाएगी।
शहर में ऐसे कई लोग हैं जिन पर पेट्रोल कार है और उन्हें रोजाना औसतन 40-50 किलोमीटर कार चलाना होती है। वे लोग भी अब अपनी कार में सीएनजी किट लगवा रहे हैं। सीएनजी किट लगाने वाले कारोबारी का कहना है कि अनलाक होने के बाद अचानक 40 फीसद काम बढ़ गया है।
एक साल में पेट्रोल और डीजल हुए 28 रुपये महंगा
तारीख पेट्रोल डीजल
जून 2020 77.42 68.15
अप्रैल 2021 98.45 89.01
25 जून 2021 105.93 96.95
सीएनजी 68 रुपये प्रतिकिलो
कोरोना संक्रमण से बचने लोग निजी वाहन में ही सफर करना चाहते हैं, इसलिए कारों की मांग बढ़ी है। कारों की अनुपलब्धता के कारण चुनिंदा माडल की कारों पर प्री-बुकिंग के बाद तीन महीने तक की वेटिंग है। पेट्रोल महंगा होने के कारण सीएनजी कारों की मांग बढ़ी है। हमारे यहां इलेक्ट्रिक कारें भी उपलब्ध हैं, जो एक बार चार्ज करने पर 350 किलोमीटर तक चलती हैं।
मुकेश अग्रवाल, चेयरमैन, समर्थ सोम्या ग्रुप
कोरोना के कारण पिछले साल भी कारों की मांग बढ़ी थी। इस साल अनलाक के बाद मांग अधिक बढ़ी है। छोटी कारों की बिक्री सबसे अधिक है, क्योंकि कम बजट वाले मध्यमवर्गीय परिवार भी कार खरीद रहे हैं। कुछ माडल को छोड़कर पेट्रोल कारों के लिए अधिक वेटिंग नहीं हैं। हालांकि सीएनजी के चुनिंदा माडल पर छह महीने तक की वेटिंग है।
चरणजीत नागपाल, मैनेजिंग डायरेक्टर प्रेम मोटर्स ग्वालियर
सीएनजी किट लगाने का काम 40 फीसद बढ़ गया है। लोग पुरानी ही नहीं अब नई कारों में भी सीएनजी लगवा रहे हैं। सीएनजी पेट्रोल से काफी सस्ता है, पट्रोल कार के मुकाबले एवरेज भी डेढ़ गुना होता है। शासन द्वारा मान्यता प्राप्त सेंटर से ही सीएनजी लगवाना चाहिए।
जयंत शर्मा, संचालक, हर्षिता आटो गैस