जिन गायों को बूढ़ी और बेकार समझ कर लोग सड़कों पर खुला छोड़ देते हैं, उन्हें संरक्षण देने वाली ग्वालियर की लाल टिपारा गोशाला से निकलने वाले गोबर व गोमूत्र से सीएनजी व जैविक खाद बनेगी। इससे सालाना करीब छह करोड़ रुपये की कमाई होगी। वर्ष 2017 में ग्वालियर के मुरार में नगर निगम की लाल टिपारा गोशाला में 90 दिन के भीतर 1092 निराश्रित गायों की मौत हो गई। इस पर काफी हंगामा मचा और लोग इसे गायों की कब्रगाह कहने लगे। इसके एक साल बाद 2018 में हरिद्वार से श्रीकृष्णायन देशी गोरक्षाशाला के संत ग्वालियर पहुंचे, फिर उन्होंने गोशाला की व्यवस्था हाथ में ली और इसकी काया ही पलट दी।
केंद्र सरकार ने सीएनजी प्लांट लगाने के लिए नगर निगम से किया अनुबंधः लालटिपारा गोशाला में एक साथ 7000 व समीप स्थित गोले का मंदिर गोशाला में 2000 गोवंश देख भारत सरकार के पेट्रोलियम मंत्रालय ने ग्वालियर में सीएनजी प्लांट लगाने के लिए नगर निगम से अनुबंध किया है। एक गाय 6 से 8 किलो गोबर रोज देती हैं। 9000 गायों से प्रतिदिन 54 हजार किलो गोबर मिलता है। इससे रोज 1000 किलो सीएनजी व 360 किलो जैविक खाद तैयार होगी। नगर निगम ग्वालियर को इससे सालाना करीब पांच करोड़ 91 लाख रुपये की कमाई होगी।
गोकाष्ठ से सुधर रहा पर्यावरणः गोशाला में गाय के गोबर से गोकाष्ठ (गोबर और भूसे को मिलाकर बनाया जाने वाला उत्पाद, जो कंडे जैसा होता है) तैयार किया जाता है। यह शहर के मुक्तिधामों में अंतिम संस्कार के काम आता है। यह लकड़ियों से तीन गुना कम कीमत पर मिलता है। अनुमान के मुताबिक एक अंतिम संस्कार में 300 किलो लकड़ी लगती है, लेकिन गोकाष्ठ के कारण काफी कमी आई है। इससे पर्यावरण को भी लाभ हो रहा है और लोगों को भी सस्ता ईधन मिल जाता है।
इन वजहों से भी खास है गोशालाः
-गोशाला के अंदर आक्सीजन जोन बनाया है, जिसमें 5000 पौधे लगाए गए हैं।
-गाेशाला में गोसंवर्धन कार्य हो रहा है। यहां गिर, साहीवाल और मालवीय नस्ल तैयार हो रही है।
-हाइवे पर एक्सीडेंट के कारण चोटिल गायों को गोशाला में उपचार के लिए लाने हेतु 15 लाख रुपये की लागत से एंबुलेंस तैयार की गई है। इसमें एक साथ पांच घायल गायों को लाया जा सकता है।
वर्जन-
गोशाला में सीएनजी प्लांट की स्थापना की जा रही है। इससे निगम को गायों की देखभाल में होने वाला खर्च आधा हो जाएगा। रानीघाटी गोशाला में पराली से भूसा तैयार किया जा रहा है। यहां काफी जंगल है इसलिए गायों के चारे का खर्च भी आधा ही आता है।