संदिग्ध अवस्था में मिली महेन्द्र पटले की यात्री प्रतिक्षालय में लाश

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स्थानीय बस स्टैंण्ड के यात्री प्रतिक्षालय मे एक अज्ञात शव के मिलने से सनसनी फैल गई। हालांकि यह शव की शिनाख्त मृतक महेन्द्र चंद बालचंद कोस्ते निवासी के रूप में हुई है। जिसका शव  दोपहर २ बजे के करीब यात्री प्रतिक्षालय में बैठे लोगो द्वारा देखा गया। शव की पहचानी के लिये पुलिस ने सोशल मिडिया का सहारा लिया था जिसमे उन्हे यह जानकारी लगी की उक्त व्यक्ति कोस्ते निवासी महेन्द्र पटले है जिसकी सूचना उसके परिजनो को दी गई। जिन्होने उसकी स्थाई शिनाख्त कर उसकी पहचान महेन्द्र के रूप में कर ली। बताया जा रहा है कि महेन्द्र का ससुराल ग्राम पंचायत आलेझरी का है। जहां ही वो वर्तमान समय में निवास कर रहा था। वो शराब पीने का आदी था। १६अप्रैल को भी उसने शराब पीकर रखी हुई थी। मौसम की गर्मी की वजह से उसे शायद अटैक आया है  या कोई अन्य विषय भी हो सकता है जो जॉच उपरांत ही पता चल पायेगा। ऐसी पुलिस संभावना व्यक्त कर रही है। वही उसकी उम्र ३५ से ४० वर्ष की है। जिसे पुलिस ने पंचनामा कार्यवाही करने के बाद उसका शव सिविल अस्पताल में भिजवा दिया है। गौरतलब है कि दोपहर करीब १२ बजे के लगभग यात्री प्रतिक्षालय में एक व्यक्ति यात्रियों के लिये बनाये गई बैठक व्यवस्था में सोया पड़ा था। आसपास कार्य करने वाले लोग जब उसके पास करीब २ बजे पहुॅचे तो उसके शरीर में किसी प्रकार की हलचल न देखते हुये उन्होने इस बात की सूचना वारासिवनी थाना को दी। इस सूचना पर एसआई चंद्रजीत यादव अपने हमराम स्टॉफ के साथ मौके पर पहुूचे जहां उन्होने देखा कि एक ३५ से ४० वर्षीय व्यक्ति अचेत अवस्था में पड़ा है। व्यक्ति कौन है उन्होने आसपास के लोगों से शिनाख्त करने को कहा जिसके बाद उन्होने सोशल मिडिया का सहारा लिया तब उन्हे यह जानकारी लगी की मृतक का नाम महेन्द्र पटले है जो कोस्ते का निवासी है उन्होने ग्राम सरपंच को इस बात की सूचना दी और मृतक की शिनाख्त उससे व उसके परिजनो से करवाई।

मर्ग कायमी कर परिजनों को सौंपा गया शव – एसआई

उपनिरीक्षक चंद्रजीत यादव ने दूरभाष में बताया कि पहले हमने मृतक को अज्ञात समझकर कायमी की थी मगर जैसे ही जानकारी लगी की मृतक कोस्ते का महेन्द्र है हमने उसके परिवार से संपर्क स्थापित कर उन्हे वास्तु स्थिति से अवगत कराया। हमारे द्वारा पंचनामा कार्यवाही कर शव को परिजनों को सौंप दिया है। मृतक शराब पीने का आदी था जो अपनी ससुराल आलेझरी में रहकर बालाघाट या अन्य स्थानों के भोजनालय में कार्य करता था।

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