पश्चिम बंगाल के उत्तरी 24-परगना जिले के संदेशखाली गांव में महिलाओं के साथ हुई घटना को लेकर भाजपा द्वारा जगह-जगह प्रदर्शन किया गया, इसी के तहत बालाघाट में भी भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा स्थानीय अंबेडकर चौक में पंडाल लगाकर धरना प्रदर्शन किया गया और बंगाल में घटी घटना को लेकर ममता बनर्जी को पद से हटाने की मांग की गई और कहा गया कि जो महिलाओं का सम्मान नहीं कर सकते उन्हें पद पर रहने की आवश्यकता नहीं है वह नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे
आपको बता दे की प. बंगाल के उत्तरी 24-परगना जिले के संदेशखाली गांव में महिलाओं के कथित यौन उत्पीड़न के मामले को लेकर भाजपा ममता बैनर्जी सरकार को लगातार घेर रही है। शुक्रवार को बालाघाट सहित देशभर में भाजपा ने धरना प्रदर्शन किया और ममता बैनर्जी को पद से हटाने की मांग की। नगर के आंबेडकर चौक पर भाजपा पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं ने धरना दिया। इस दौरान भाजपा नेत्री भारती पारधी, नगर अध्यक्ष सुरजीत सिंह ठाकुर सहित अन्य भाजपाइ मौजूद रहे। बताया गया कि संदेशखाली में बड़ी संख्या में महिलाओं ने तृणमूल कांग्रेस के नेता शाहजहां शेख और उसके समर्थकों पर जबरदस्ती जमीन हड़पने और यौन उत्पीड़न करने की बात अधिकृत रूप से कही है। जिसे लेकर इलाके में तनाव है। भारती पारधी ने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी अपने राज्य में महिलाओं की सुरक्षा करने में पूरी तरह से विफल रही है। इतना नहीं, ऐसे अपराधों में शामिल लोगों को वह बचा भी रही है। सुरजीत सिंह ठाकुर ने कहा कि यौन उत्पीड़न व जमीन हथियाने के इस गंभीर मामले में वहां की ममता सरकार ने संज्ञान नहीं लिया। जबकि कलकत्ता हाईकोर्ट को मामले में संज्ञान लेना पड़ा और शाहजहां शेख काे गिरफ्तार करने का आदेश देना पड़ा। ताज्जुब की बात है कि टीएमसी के नेता शाहजहां शेख देरी से गिरफ्तार किया जाता है। टीएमसी सरकार ऐसे अपराधियों को संरक्षण देने का काम कर रही है। महिला मुख्यमंत्री होने के बाद भी बंगाल में ग्रामीण महिलाओं के साथ उत्पीड़न निंदनीय है। भारती पारधी ने कहा कि संदेशखाली में अत्याचार हो रहा है। जिस व्यक्ति की प्रमुख हिस्सेदारी है, उसे सरकार बचा रही है। वहां की महिलाओं पर हो रहे अत्याचार को रोकने के लिए पहल नहीं की जा रही। देश में जहां भाजपा की सरकार है, वहां पार्टी महिलाओं के उत्थान की बात करती है, लेकिन देश में प. बंगाल जैसा एक ऐसा भी राज्य है, जहां महिला मुख्यमंत्री होने के बाद भी महिलाओं का जीना दूभर है। हम कल्पना भी नहीं कर सकते हैं कि वहां एक व्यक्ति का कितना प्रभाव है। महिलाओं को घसीटकर चौराहे पर लाया जाता है और उनके साथ अशोभनीय कार्य किया जाता है।