जनपद शिक्षा केंद्र वारासिवनी के परिसर में 24 सितंबर को संविदा प्रेरक शिक्षक संघ की आवश्यक बैठक का आयोजन किया गया। यह बैठक संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी की उपस्थिति में प्रारंभ की गई। जिसमें संघ के द्वारा निर्धारित विभिन्न विषयों पर विस्तार पूर्वक चर्चा कर मांगे पूर्ण न होने पर उग्र आंदोलन किए जाने का निर्णय लिया गया। वहीं जिला व प्रदेश संगठन की बातों से स्थानीय पदाधिकारी व सदस्यों को अवगत कराया गया। पदमेश चर्चा में विनय तुरकर ने बताया कि हम संविदा प्रेरक शिक्षक है वर्ष 2012-13 में हमारी भर्ती हुई थी 6 वर्ष बाद 2018 में बिना किसी सूचना दिए हमें सेवा से सरकार ने हटा दिया था इसके बाद से हम लगातार सरकार के पास जाकर अपना रोजगार मांग रहे हैं परंतु सरकार हमसे ध्यान नहीं दे रही है। सरकार हर बार आश्वासन दे रही है जबकि हमारे काम से सरकार ने तीन बार अवार्ड लिया है हमारे द्वारा प्रदेश सरकार के हर कार्य को किया गया किंतु सरकार हमें रोजगार से जोड़ने की जगह तोड़ रही है। श्री तुरकर ने बताया कि वर्तमान में हम बेरोजगार है वारासिवनी में 120 बालाघाट में 1140 और मध्य प्रदेश में 24930 प्रेरक शिक्षक है। हमारी भर्ती योग्यता व मापदंडों पर की गई थी जिला पंचायत से जिसमें महिलाएं ज्यादा है वहीं सरकार लाडली बहन बोल रही है जबकि हम 2000 रुपये के मानदेय में कार्य कर रहे थे अब हमें दर-दर भटकना पड़ रहा है। सरकार 1000 रुपये की रेवड़ी बांट रही है पर हमें रोजगार से नहीं जोड़ रही है इन्होंने हमें 26 सितंबर का आश्वासन दिया है यदि मांगे पूरी नहीं हुई तो उग्र आंदोलन होगा। वही श्रीमती रेखा गजभिये ने बताया कि हमारे नियुक्ति संविदा प्रेरक शिक्षक के रूप में हुई थी 2018 में बिना कोई सूचना के हमें बाहर कर दिया गया उसी को लेकर हम 5 वर्षों से संघर्ष कर रहे हैं। परंतु सरकार हमारी सुन नहीं रही 2000 रुपये हमें दिए जाते थे वह हमारा रोजगार था जो हमसे सरकार ने छीन लिया है। जबकि हमारे द्वारा साक्षरता शौचालय जनधन बीमा बीएलओ सभी का कार्य किया गया। वर्तमान में हम बेरोजगार है जिस कारण से हमें काफी समस्या हो रही है बच्चों को पढ़ाने में भी दिक्कतें आ रही है यदि रोजगार ही नहीं है तो कैसी परिस्थितियों हमारे साथ होगी वह हम जानते हैं। लाडली बहन का जो सरकार 1000 रुपये दे रही है वह न देते हुए हमारी बहाली कर हमें रोजगार के साथ जोड़ जिससे कि हम स्वयं और अपने बच्चों की देखरेख अच्छे से कर सके। इस अवसर पर बड़ी संख्या में प्रेरक शिक्षक गण मौजूद है।