संसद में गतिरोध कायम, 12 सदस्यों का निलंबन खत्म करने और अजय मिश्रा टेनी की बर्खास्तगी पर अड़ा विपक्ष

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संसद के शीतकालीन सत्र का यह आखिरी हफ्ता है। अब तक यह पूरा सत्र दो मुद्दों की भेंट चढ़ गया है। पहला – 12 राज्यसभा सदस्यों का निलंबन और दूसरा – केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी का इस्तीफा। दोनों ही मुद्दों पर विपक्ष ने रोज हंगामा किया और सदन नहीं चलने दिया। सोमवार को भी यही सिलसिला जारी रहा। सरकार ने गतिरोध समाप्त करने के लिए कदम आगे बढ़ाया, लेकिन विपक्ष अड़ा रहा। जैसे ही संसद के दोनों सदनों की कार्रवाई शुरू हुई, विपक्षी हंगामा करने लगे।

इससे पहले राज्यसभा में गतिरोध समाप्त करने के लिए संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने सोमवार को उन पांच दलों की बैठक बुलाई, जिनके सांसदों को पिछले महीने पूरे शीतकालीन सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया था। कांग्रेस समेत सभी दलों ने इस बैठक में जाने से इन्कार कर दिया।

लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, सरकार ने सिर्फ 5 दलों की बैठक बुलाई है। हम चाहते हैं कि सभी विपक्षी दलों की बैठक बुलाई जाए और प्रधानमंत्री भी मौजूद रहें। सरकार सिर्फ 5 दलों को बुलाकर विपक्ष की एकता में फूट डालना चाहती है, जो हम होने नहीं देंगे।

इससे पहले प्रहलाद जोशी ने जिन दलों को बैठक के लिए बुलाया है उनमें कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना, माकपा और भाकपा शामिल थे। राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने सुझाव दिया था कि दोनों पक्षों को मामले को सुलझाना चाहिए। सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा था कि सरकार सांसदों के निलंबन को समाप्त करने के लिए तैयार है बशर्ते वे माफी मांगें। वहीं विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे कहते हैं, ‘हम बार-बार आपको बता रहे हैं कि जो अपराध हमने नहीं किया उसके लिए हमें दोषी ठहराया जा रहा है।

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