संसद में चीन पर राजनाथ बोले- हमारी सेना हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार

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नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को लोकसभा में चीन के साथ जारी सीमा पर तनाव के मसले पर बयान दिया. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लद्दाख का दौरा कर जवानों से मुलाकात की थी, साथ ही ये संदेश भी दिया था कि देशवासी जवानों के साथ खड़े हैं. मैंने भी लद्दाख जाकर जवानों के साथ समय व्यतीत किया है, मैंने जवानों के पराक्रम को महसूस किया.

राजनाथ सिंह ने कहा कि कर्नल संतोष बाबू और उनके साथी जवानों ने देश के लिए बलिदान दिया है. भारत और चीन के बीच सीमा विवाद अभी तक सुलझा नहीं है, सीमा की जो स्थिति है उसे चीन नहीं मानता है. भौगोलिक और ऐतिहासिक स्तर पर ये स्थिति साफ है, लेकिन चीन इसे नहीं मानता है.

रक्षा मंत्री ने कहा कि दोनों देश 1950, 1962 के बाद सीमा मसले पर बात हुई थी, चीन पहले ही लद्दाख के कुछ हिस्से पर कब्जा किए हुए है. चीन लद्दाख, हिमाचल प्रदेश से जुड़े कुछ हिस्से को अपना बताता है. दोनों देश मानते हैं कि इस विवाद का सही से समाधान शांति से बात कर निकाला जाना चाहिए.

राजनाथ सिंह ने संसद में बयान दिया कि 1988 के बाद से चीन के साथ संबंध ठीक हुए थे, लेकिन 1993 के समझौते में इस बात का जिक्र है कि दोनों देश सीमा पर सैनिकों की संख्या कम रखेंगे. दोनों देशों ने 2003 तक बॉर्डर विवाद पर बात की, लेकिन इसके बाद चीन की ओर से बात आगे नहीं बढ़ाई गई. जिसके बाद से ही तनाव होता रहा है. रक्षा मंत्री ने कहा कि हमारी सेना हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि चीन के मसले पर देश की सभी इंटेलिजेंस एजेंसी काम कर रही हैं और तीनों सेनाएं एकसाथ इसपर ध्यान रख रही हैं. अप्रैल में ईस्टर्न लद्दाख की सीमा पर चीन ने अपने सैनिकों की संख्या और हथियारों को बढ़ाया, मई महीने में चीन ने हमारे सैनिकों की पेट्रोलिंग में व्यवधान पैदा किया. इसी बीच मई में ही चीन ने वेस्टर्न सेक्टर में चीन ने घुसपैठ की कोशिश, जिसमें पैंगोंग लेक भी शामिल है. भारत ने वक्त रहते इसपर जरूरी एक्शन लिया.

राजनाथ सिंह बोले कि हमने चीन को कूटनीतिक मामले से बताया है कि ऐसी गतिविधियां हमें मंजूर नहीं हैं. दोनों देशों के कमांडरों ने 6 जून को मीटिंग की और सैनिकों की संख्या घटाने की बात कही. इसी के बाद 15 जून को चीन ने हिंसा प्रयोग किया, इसी झड़प में भारत के जवान शहीद हुए और चीनी सेना को बड़ा नुकसान पहुंचाया.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बोले कि पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंधों को रखना जरूरी है, इसी कारण हमारी ओर से मिलिट्री, डिप्लोमेटिक तौर पर बात हो रही है. राजनाथ सिंह ने कहा कि दोनों पक्षों को LAC का सम्मान करना चाहिए, LAC पर घुसपैठ नहीं होनी चाहिए और समझौतों को मानना चाहिए. इसके बावजूद 29-30 अगस्त को पैंगोंग में चीन ने घुसपैठ की कोशिश की, लेकिन भारतीय जवानों ने उसका जवाब दिया.

राजनाथ सिंह ने कहा कि चीन ने 1993 के समझौते का उल्लंघन किया है, लेकिन भारत ने इसका पालन किया है. चीन के कारण समय-समय पर झड़प की स्थिति पैदा हुई है. इस वक्त चीन ने सीमा पर बड़ी संख्या में हथियारों का जमावड़ा किया है, लेकिन हमारी सेना जवाब देने में सक्षम है.  

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