जिले के खैरलांजी निवासी 36 वर्षीय प्रसन्नजीत पिता लोपचंद रंगारी के पाकिस्तान की लाहौर जेल में बंद होने के बाद से लगातार उसकी रिहाई के लिए शासन, प्रशासन के दरवाजे दस्तक दे रही बहन को अब सनातन महासभा का साथ मिल गया है।
आपको बतादे की मानसिक रूप से विकलांग प्रसन्नजीत को पाकिस्तान की जेल से रिहाई की मांग को लेकर 21 दिसंबर गुरूवार को सनातन महासभा ने गृहमंत्री एवं विदेश मंत्री भारत सरकार तथा मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नाम ज्ञापन, कलेक्टर डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा को सौंपा गया है।
सनातन महासभा अध्यक्ष महेश खजांची ने बताया कि पाकिस्तान के लाहौर जेल में प्रसन्नजीत के बंद होने की जानकारी, सनातन महासभा को उसकी बहन संघमित्रा खोब्रागढ़े से मिली। जिसने बताया कि प्रसन्नजीत रंगारी ने जबलपुर फार्मेसी इंस्टीट्यूट में अध्ययन किया था। जिसके बाद उसका मानसिक संतुलन खराब हो गया और वह पागलों की तरह यहां-वहां घूमते रहता था। जो पिछले कई वर्षो से लापता हो गया था। जिसके बारे में फिर पाकिस्तान के लाहौर जेल से छूटकर आए जम्मु कश्मीर के ग्राम कटवा निवासी कुलदीपसिंघ ने प्रसन्नजीत के पाकिस्तान की सेंट्रल जेल में होने की जानकारी उसकी बहन संघमित्रा को दी गई। जिसने बताया कि पाकिस्तान की सेंट्रल जेल में पुलिस ने प्रसन्नजीत का नाम सुनील अदह विक्रमादे के नाम से लिख रखा है, वास्तविक नाम की जानकारी कुलदीप ने जेल अथारटी को दे दी है। जिसके बाद से प्रसन्नजीत की बहन, संघमित्रा खोब्रागढ़े लगातार प्रशासन से इस मामले में गुहार लगा रही है, जिसकी जानकारी के बाद मानवीयता के नाते सनातन महासभा ने ज्ञापन सौंपकर केन्द्र सरकार से मांग की है कि प्रसन्नजीत रंगारी की रिहाई के एिल जो भी प्रशासनिक कार्यवाही अपेक्षित हो, वह जल्द से जल्द करवाए और प्रसन्नजीत को पाकिस्तान की जेल से छुड़वाकर उसे परिजनों से मिलाए।