पहले निर्दलीय, फिर सपा का दामन थामने वाली पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष अनुभा मुंजारे जल्द ही सपा को छोड़ कांग्रेस का दामन थाम सकती हैं । जिनके कांग्रेस ज्वाइन करने की अटकले इन दिनों काफी तेज हो गई हैं। हालांकि अभी तक कांग्रेस पार्टी या स्वयं अनुभा मुंजारे ने पार्टी बदलने की बात पर मुहर नहीं लगाई है। लेकिन लोधी समाज से उन्हें एक मजबूत दावेदार के रूप में देखा जा रहा है। जहां स्वयं अनुभा ने इस बार लोधी समाज सहित अन्य समाज संगठनों के आह्वान पर बालाघाट विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 111 से चुनावी मैदान में उतरने के संकेत दिए हैं। जिन्होंने ना सिर्फ विशेष पार्टी से चुनाव लड़ने की बात कही है। बल्कि हाल ही में आए उनके इस बयान से उनका झुकाव कांग्रेस के पक्ष में होने की बात कही जा रही है।
सूत्र बताते हैं कि आगामी विधानसभा चुनाव में अनुभा मुंजारे सपा को छोड़कर कांग्रेस का दामन थामकर बालाघाट विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 111 से चुनाव लड़ेगी हालांकि अनुभा कांग्रेस ज्वाइन कर कांग्रेस के बैनर तले चुनाव लड़ेगी या फिर, सपा या निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरेगी इसके लिए 20 मार्च तक का इंतजार करना पड़ सकता है। क्योंकि एक सवाल के जवाब देते हुए उन्होंने 20 मार्च तक सब कुछ स्पष्ट हो जाने की बात कही है।
20 मार्च को कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करेगी अनुभा?
हालांकि आगामी चुनाव में अनुभा का रुख किस पार्टी की तरफ होगा फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है। लेकिन सूत्र बताते हैं कि अनुभा मुंजारे ने पिछले दिनों पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात कर ,कांग्रेस पार्टी से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है। सूत्र यह भी बताते हैं कि अनुभा ने बालाघाट विधानसभा क्षेत्र से चुनावी मैदान में उतरने की मंशा जाहिर की है। हालांकि अभी तक कांग्रेस पार्टी या स्वयं अनुभा की तरफ से कमलनाथ से की गई इस मुलाकात को लेकर कोई बयान सामने नहीं आया है। लेकिन सूत्र बताते हैं कि आगामी 20 मार्च को अनुभा कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर सकती हैं। बताया जा रहा है कि 20 मार्च को रानी अवंती बाई का बलिदान दिवस है। उसी दिन बालाघाट में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन होगा। इस दौरान अनुभा वरिष्ठ कांग्रेसियों की उपस्थिति में सपा को छोड़ कांग्रेस का दामन थाम सकती हैं वहीं 20 मार्च को कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर सकती हैं । हालांकि सूत्रों से मिली जानकारी पर अब तक किसी ने मोहर नहीं लगाई है।
सभी चाहते हैं कि मैं चुनाव लडू और विशेष दल से सामने आऊं -अनुभा
आगामी चुनाव को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि लोधी समाज और अन्य समाज के सभी बड़े, बुजुर्गों, युवाओं ,माताओं, बहनों सभी लोग मुझे प्रत्याशी बनाने का सोच रहे हैं।इसीलिए सब का आभार है चारों तरफ से मुझे प्रत्याशी बनाने की मांग उठ रही।अनुभा मुंजारे जमीन का एक छोटा सा कण है ,लेकिन अनुभा को यदि लोग प्रत्याशी के रूप में देख रहे हैं और सभी चाह रहे हैं कि मैं विधानसभा चुनाव लडू और विशेष पार्टी दल से सामने आऊं तो मैं सभी का हृदय से आभार व्यक्त करती हूं। मैं दो बार नगर पालिका अध्यक्ष सभी के सहयोग से बनी हूं मुझे अपने समाज का सहयोग तो मिला ही है अन्य समाज के लोगों ने भी मुझे भरपूर सहयोग दिया है। शहर का वर्ग किसी एक जाति की ओर नहीं झुकता बल्कि वे योग्यता की ओर झुकता है और योग्य प्रत्याशी चुनता है। अभी चारों तरफ से मुझे प्रत्याशी बनाने की आवाज उठ रही है। जनता की आवाज का सम्मान किया जाएगा जनता जैसी चाहेगी वैसा होगा।
हर कोई चाह रहा है कि लोधी समाज को प्रतिनिधित्व मिले
उन्होंने आगे बताया कि लोधी क्षत्रिय समाज लगातार यह महसूस कर रहा है कि बालाघाट में हमारी इतनी बड़ी तादाद है बहुत बड़ी संख्या है फिर भी लोकसभा विधानसभा में हमारा बहुत वर्षों से प्रतिनिधित्व नहीं बन पा रहा है। यह गंभीर सवाल है,सोचने का विषय है। इसको लेकर सभी तरफ से सामाजिक बंधुओं का ध्यान जा रहा है इस कारण सभी समाज के लोग चाह रहे हैं कि लोधी समाज को प्रतिनिधित्व मिले।
पार्टी ज्वाइन करने की बात कहना अभी जल्दबाजी होगी
सपा का दामन छोड़ेंगे और कांग्रेस का दामन थामेंगे ऐसी अटकले चल रही है क्या कहेंगे? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अभी इस सवाल का जवाब मैं कुछ कहने की स्थिति में नहीं हूं, लेकिन निकट भविष्य में जल्द ही कोई निर्णय आ सकता है ।
चुनाव कहां से लडूंगी जल्द मिलेगी जानकारी
परसवाड़ा से चुनाव लड़ेंगे या बालाघाट विधानसभा क्षेत्र से पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए फिलहाल उन्होंने स्पष्ट नहीं किया कि वे किस विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगी, लेकिन उन्होंने सवाल के जवाब में कहा फिलहाल अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी निकट समय में आपको इसकी पूरी जानकारी दे दी जाएगी।
निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में है श्री मुंजारे की पहचान
पूर्व सांसद कंकर मुंजारे भी सपा छोड़ेंगे या नहीं, पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने स्पष्ट किया कि मुंजारे जी निर्दलीय सांसद रहे हैं, उन्होंने जिले में निर्दलीय सांसद बनने का गौरव हासिल किया है। बालाघाट जिले के मतदाताओं के आशीर्वाद से उन्होंने चुनाव जीता है। उनकी क्रांतिकारी छवि रही है। संघर्ष के बलबूते पर वे जाने और पहचाने जाते हैं।उनकी खुद की छवि है। उन्हीं के मार्गदर्शन में मैंने राजनीति में कदम रखा है। वह निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे या किसी पार्टी से ,इसका जवाब मैं अभी नहीं दूंगी। पर जन अपेक्षाओं को ध्यान में रखकर फैसला किया जाएगा। यह लोकतंत्र है जनता की आवाज यदि कोई नहीं सुनता तो जनता उसे नकार देती है। जनता जैसा चाहेगी, जनता जैसा बोलेगी, जैसी आवाज जनता की उठेगी उसके आधार पर फैसला लिया जाएगा। वर्तमान समय में जनता की जो आवाज उठ रही है हम उसका सम्मान करते हैं। जनता को शत-शत नमन करते हैं। जनता की आवाज के हिसाब से काम होगा। वे समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़ेंगे या किसी और पार्टी से चुनाव लड़ेंगे इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी कहकर सवाल को टाल दिया । लेकिन उनके हाव-भाव सपा को छोड़ कांग्रेस का दामन थामने वाले दिखाई दे रहे थे ।