सबसे छोटे मृत तारे की खोज, वैज्ञानिकों ने किया 100 मिलियन वर्ष पुराना होने का दावा

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वैज्ञानिकों ने एक मृत तारे (Dead Star) की खोज की है। जो चंद्रमा के आकार का है, लेकिन इसका द्रव्यमान सूरज से बड़ा है। इस मृत स्टार का नाम ZTF J1901+1465 है। यह केवल 4280 किलोमीटर (2660 मील) की दूरी पर है। मृत स्टार सूर्य के द्रव्यमान का 1.35 गुना है। वह एक सफेद बौना तारा है।

धरती से 130 प्रकाश वर्ष दूर

वैज्ञानिकों द्वारा खोजा गया मृत तारा धरती से 130 प्रकाश वर्ष दूर स्थित है। स्टार सुपरडेन्स और चंद्रशेखर सीमा के बेहद करीब है। यह सीमा उस अधिकतम द्रव्यमान को संदर्भित करती है। जो सफेद बौने तारे के अस्थिर होने से पहले हो सकता है। चंद्रशेखर की सीमा सौर द्रव्यमान का 1.4 गुना है। सौर द्रव्यमान के 1.35 गुना के साथ सफेद बौना सीमा रेखा के बेहद करीब है।

100 मिलियन साल पुराना

मृत सारे का अध्ययन करने वाले वैज्ञानिकों की टीम का कहना है कि यह दो सफेद बौने सितारों के बीच विलय होकर बना है। इसका परिणामी द्रव्यमान चंद्रशेखर सीमा से ठीक नीचे हैं। इसलिए शानदार सुपरनोवा में कोई विस्फोट नहीं हुआ। व्हाइट बौना तारा 100 मिलियन साल पुराना है। इसमें एक बहुत मजबूत चुंबकीय है। इसका मैगनेटिक क्षेत्र सूरज की तुलना में एक अरब गुना अधिक शक्तिशाली है। रिसर्च टीम की रिपोर्ट साइंस जर्नल नेचर में प्रकाशित हुई है।

पिछले साल हुई तारे की मौत

पिछले साल अक्टूबर में नासा ने आसमान में तारे की मौत का वीडियो जारी किया था। एजेंसी ने स्टार के भीषण विस्फोट का वीडियो ट्विटर पर शेयर किया था। यह धमाका पृथ्वी से लगभग सात करोड़ प्रकाश साल की दूरी पर हुआ था। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी के अनुसार तारे में विस्फोट SN 2018gv सुपरनोवा में हुआ था।

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